हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने राज्य सरकार से अपील करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से देशवासियों के लिए खोली जाए। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन कराते हुए श्रद्धालुओं को यात्रा पर आने की अनुमति दी जाए। प्रैस को जारी बयान में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि चारधाम यात्रा व अन्य धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी होने के कारण मठ मंदिरों में रहने वाले साधु संतों, पुजारियों की दशा अत्यन्त खराब हो गयी है। अधिकांश मठ मंदिरों में साधु संतों को भोजन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पुजारियों के सामने भी परिवार के पालन पोषण का संकट बना हुआ है। इतना ही नहीं मंदिरों मे प्रतिदिन होने वाली आरती पूजन के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री तक का संकट मंदिरों में खड़ा हो गया है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि धर्मनगरी के छोटे बड़े मठ मंदिरों, आश्रमों में हजारों साधु संत निवास करते हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों से मिलने वाले दान पर ही मठ, मंदिरों, आश्रमों की व्यवस्थाएं चलती हैं। लेकिन कोरोना के चलते लगाई गयी पाबंदियों के कारण यात्री नहीं आ पा रहे हैं। जिससे मठ, मंदिरों, आश्रमों की पूरी व्यवस्था प्रभावित हो रही है। मठ, मंदिरों, आश्रमों में भोजन तक की समस्या उत्पन्न हो रही है। ऐसे में या तो सरकार नियमों के तहत चारधाम यात्रा व अन्य धार्मिक गतिविधियां संचालित करने की अनुमति दे या फिर सरकारी स्तर पर धार्मिक संस्थानों को आर्थिक व खाद्यान्न के रूप में मदद उपलब्ध कराए। यदि समय से मदद नहीं मिली तो आश्रम, अखाड़ों में रहने वाले संतों के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। कांवड़ यात्रा पूर्ण रूप से बंद होने के कारण व्यापारी वर्ग को भी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। सरकार चाहती तो नियमों का पालन कराते हुए कांवड़ यात्रा संचालित कर सकती थी। उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा निर्देशों का पालन आम जनमानस को करना चाहिए। मूंह पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य ही सभी को करना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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