हरिद्वार। जिलाधिकारी के साप्ताहिक बंदी के आदेश आने के बाद पहले दिन धर्मनगरी के कई बाजार बंद नजर आये। हालांकि बंदी का असर हरकी पैड़ी, बड़ा बाजार, मोती बाजार, अपर रोड पर नहीं दिखाई दिया। इसके अलावा कनखल, उत्तरी हरिद्वार और ज्वालापुर के बाजार पूरी तरह बंद रहे। कई जगह व्यापारियों ने भी अपने आप दुकानें बंद की और कई जगह व्यापारी नेताओं ने दुकानें बंद कराई। कोरोना महामारी के कारण हरिद्वार के प्रमुख बाजारों में एक दिन साप्ताहिक बंदी नहीं हो पा रही थी। बीते मंगलवार को जिलाधिकारी ने साप्ताहिक बंदी को सख्ती से पालन कराने के आदेश पुलिस को दिए थे। मंगलवार को आदेश के बाद बुधवार को आधे से अधिक शहर बंद रहा। उत्तरी हरिद्वार से लेकर ज्वालापुर तक बाजार बंद रहे। उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी, सप्तऋषि, भीमगोड़ा और काली मंदिर के आसपास की यात्री बाहुल्य दुकानें बंद रही। भीमगोड़ा में व्यापारी नेताओं ने दुकानें और रेस्टोरेंट को बंद कराया। जबकि कई व्यापारियों ने अपने आप ही बुधवार को दुकानें नहीं खोली। कनखल क्षेत्र में भी व्यापारी नेताओं ने मेडिकल को छोड़कर अन्य दुकानें बंद कराई। ज्वालापुर के व्यापारियों ने अपने आप ही दुकानें बंद रखी। हरकी पैड़ी, अपर रोड, मोती बाजार, बड़ा बाजार की दुकानें बंद नहीं हुई। कुछ व्यापारियों ने तर्क दिया कि हरिद्वार मेला क्षेत्र की दुकानें कभी बंद नहीं हुई। सर्दियों में होती थी बंदी सीजन में कभी भी हरकी पैड़ी के आसपास के बाजार बंद नहीं हुए है। लेकिन कई साल पहले सर्दियों में बुधवार के दिन हरकी पैड़ी के आसपास के बाजार बंद हुआ करते थे। लेकिन कई साल से सर्दियों में भी बंदी नहीं हो पा रही थी। कई जगह पुलिस पहुंची कई जगह पुलिस ने जाकर बाजार बंद करने की अपील की। खड़खड़ी की नई बस्ती में चेतक पुलिसकर्मियों ने अपील की। बाद लोगों ने दुकानें बंद की। कई बाजार शनिवार और रविवार को बंद ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र का कुछ इलाका शनिवार और रानीपुर मोड का इलाका रविवार को बंद होता है। इसी कारण बुधवार को यहां दुकानें बंद नहीं हुई। लेकिन यहां के व्यापारी ने साप्ताहिक बंदी करने का फैसला लिया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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