हरिद्वार। मध्य प्रदेश के राज्यपाल स्वर्गीय लालजी टण्डन की अस्थियां सप्तसरोवर मार्ग स्थित सिद्धपीठ भूमानिकेतन में लायी गयी। स्व.टण्डन के पुत्र सुबोध टण्डन व अन्य परिजन कुंवर टण्डन, अतुल टण्डन, प्रद्युमन कपूर, अनुराग मिश्रा, संजय चैधरी, आईपी कन्नौजिया व भंवर पाल सिंह आदि अस्थियां लेकर भूमा निकेतन पहुंचे। सोमवार को संत महापुरूषों की उपस्थिति में अस्थियां पूर्ण विधि विधान के साथ हरकी पैड़ी पर गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। इस दौरान कई राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद रहेंगी। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ महाराज ने बताया कि स्वर्गीय लालजी टण्डन उच्च कोटि के विद्वान तथा एक बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने राज्यपाल सहित विभिन्न पदों पर रहते हुए देश सेवा में अनुकरणीय योगदान दिया। उन्होंने कहा कि कल संत महापुरूषों की उपस्थिति में हरकी पैड़ी पर स्वर्गीय लालजी टण्डन की अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। जिसमें राजनीतिक दलों के अलावा संत महापुरूष भी शामिल होंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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