हरिद्वार। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल से सम्बद्ध शिवालिक नगर व्यापार मण्डल से जुड़े व्यापारियों ने अध्यक्ष सुनील शर्मा डिम्पी के संयोजन में नगर पालिका चेयरमैन राजीव शर्मा को ज्ञापन प्रस्तुत कर लाईसेंस फीस व कूड़ा निस्तारण शुल्क में छूट दिए जाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान सुनील शर्मा डिम्पी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते किए गए लाॅकडाउन के कारण व्यापार पूरी तरह ठप्प है। व्यापारी आर्थिक कठिनाई का सामना करना रहे हैं। खराब आर्थिक स्थिति के चलते व्यापारी लाईसेंस व कूड़ा निस्तारण शुल्क चुकाने की स्थिति में नही है। व्यापारियों की स्थिति का समझते हुए लाईसेंस फीस को आधा व कूड़ा निस्तारण को घटा कर एक तिहाई किया जाए। जिससे व्यापारियों को राहत मिल सके। महामंत्री राजीव चैहान ने कहा कि क्षेत्र के व्यापारी हमेशा ही नगर पालिका का सहयोग करते आए हैं। नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा ने व्यापारियों की समस्या का संज्ञान लेते हुए लाईसेंस फीस को आधा तथा कूड़ा निस्तारण शुल्क को घटकार सौ रूपए प्रति दुकान करने आदेश जारी करते हुए कहा कि व्यापारी हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। शुल्क वसूली में राहत दिए जाने पर व्यापारियों ने नगर पालिका अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। ज्ञापन सौंपने वालों में आशीष रस्तोगी, हिमांशु अहलावत, धमेन्द्र विश्नोई, विकास बाली, शिव नरेश शर्मा, अवधेश सिंह, संदीप, अनिल रावत, तनुज अग्रवाल, देवेंद्र चैहान, अमित भट्ट, जान मौहम्मद अन्सारी, रामराज चैहान, रतिभान सैनी, इन्द्रजीत सिंह, विनोद शर्मा, अजय अरोड़ा, प्रदीप कुमार, मनदीप सिंह बग्गा, महेश चैहान, राकेश शर्मा, अमित चांदना, प्रभात तिवारी, सुनील विश्नोई, श्रवण विश्नोई राव जुनेद, तारिक जमाल, विनोद शर्मा, चंद्रशेखर, धन्नाराम आदि व्यापारी शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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