हरिद्वार। उत्तरांचल पंजाबी महासभा के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रमोद पंाधी व अन्य पदाधिकारियों ने निरंजनी अखाड़ा पहुंचकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज से आशीर्वाद लिया। पदाधिकारियों ने श्रीमहंत नरेंद्र गिरी को शाॅल व गंगाजली भेंट की। इस दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि समाजसेवा से ही सामाजिक संगठनों की पहचान होती है। उत्तरांचल पंजाबी महासभा सामाजिक गतिविधियों में प्रतिभाग कर समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हो रहा है। कोरोना काल में भी महासभा के द्वारा जरूरतमंदों को भोजन व खाद्य सामग्री वितरित कर सेवा के कार्यो को प्रमुखता से किया। उन्होंने प्रमोद पांधी व प्रदेश महामंत्री सुनील अरोड़ा को आशीर्वाद दिया। इस दौरान महासभा के पदाधिकारियों द्वारा श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज से सामाजिक सरोकारों के मुद्दों पर चर्चा की। प्रमोद पांधी ने कहा कि सरकार को चारधाम यात्रा प्रारम्भ करनी चाहिए। उत्तराखण्डवासियों के लिए चारधाम यात्रा आय के स्रोत पर निर्भर करती है। लाॅकडाउन के कारण व्यापारी वर्ग आर्थिक रूप से टूट चुका है। ऐसे में सरकार को गाईड लाईन के अनुसार अन्य प्रदेशों के श्रद्धालुओं को भी यात्रा की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। प्रदेश महामंत्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि सरकार के सभी आदेशों का पालन सामाजिक संगठन व व्यापारी करते चले आ रहे हैं। सरकार को भी विशेषकर व्यापारियों की समस्या का संज्ञान लेना चाहिए। बिजली, पानी, स्कूल की फीस व टैक्स माफ कर व्यापारियों को राहत देनी चाहिए। महामंत्री राम अरोड़ा व अनिल कुमार कुमार ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में महाकुंभ मेला सकुशल संपन्न होगा। सुरेश कोचर, राजू ओबराय, अनिल पुरी, कुंज भसीन, महंत अरूणदास महाराज ने श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के समक्ष स्कूल फीस माफ किए जाने का मुद्दा रखा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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