हरिद्वार। शहर में हो रहे भूमिगत बिजली, गैस, पानी की भूमिगत लाइन डालने के कार्यों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। वार्ड 24 कृष्णा नगर स्थित मेयर कार्यालय से वार्ड 23 रामनगर कॉलोनी तक जगह जगह गड्ढों को लेकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान अशोक शर्मा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक जनता के साथ धोखा कर रहे हैं। भूमिगत लाइन के कारण संबंधित विभाग लापरवाही बरत रहे है। गड्ढों के कारण दीवार, मकान गिर रहे हैं। हरकी पैड़ी मार्ग की दीवार का गिरना निर्माण कार्यो की देन है। जबकी दीवार आकाशीय बिजली से गिरना बताया जा रहा। क्योंकि चहते ठेकेदारों का कमीशन निर्माण कार्यों में बंधा हुआ है। अशोक शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं के पास पैसा कहां से आ रहा। बीजेपी नेता मेयर पर अनर्गल बयान देते हैं। ब्लॉक अध्यक्ष शुभम अग्रवाल ने कहा कि कोई भी निर्माण कार्य ठीक से नहीं हो रहा। विभागों का आपसी तालमेल ठीक नही है। बिना मानकों के निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र की जनता बीजेपी से परेशान है। इस अवसर पर पार्षद जफर अब्बासी, मेहरबान अली, शाहबुद्दीन, पुनित कुमार, तहसीन अंसारी, प्रेम शर्मा, विकास चंद्रा, सुमित भाटिया, मनोज जाटव, सुनील कुमार, नीलम शर्मा, राव फरमान, संतोष पांडे, पराग मिश्रा, हरद्वारी लाल, दीपक कोरी, करण सिंह राणा, अमित राजपूत, सनी मल्होत्रा, विशाल निषाद, त्रिपाल शर्मा, आशीष भारद्वाज, विक्की भारत, वसीम सलमानी, अनंत पांडे, विजय कुमार, मनोज शर्मा, तस्लीम कुरेशी, विजय अरोड़ा, रोशन लाल, तेजपाल सिंह, शिवम खेवाडिया, संतोष पाण्डेय, मुकेश शर्मा आदि शामिल थे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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