हरिद्वार। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि महाकुंभ मेले से संबंधित सभी कार्य समय पर पूर्ण कर लिए जाएंगे। कुंभ मेले में संतों व श्रद्धालुओं को उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार कृत संकल्प है। निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी से कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर चर्चा करते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कोविड 19 के चलते कुंभ की तैयारियों पर कुछ असर जरूर पड़ा है। लेकिन अब कार्यों गति को तेज किया गया है। उम्मीद है कि कुंभ मेला शुरू होने से पूर्व समय पर तैयारियां पूरी हो जाएंगी। अखाड़ों में होने वाले स्थायी निर्माण कार्य जिनमें संत निवास, भण्डार आदि कार्य भी जल्द शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा मेला क्षेत्र में जनसामान्य को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाएं जिनमें सड़कें, पेयजल, विद्युत, शौचालय आदि शामिल हैं, के कार्य भी समय पर पूरे कर लिए जाएंगे। इस संबंध में अधिकारियों व निर्माणदायी संस्थाओं को निर्देशित किया जा चुका है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 2021 में ही संपन्न कराया जाएगा। इसको लेकर सभी अखाड़े एकमत हैं। शास्त्रों के अनुसार कुंभ स्नान का मुर्हत 2021 में ही है। इसलिए कुंभ के आयोजन को लेकर कोई संशय नहीं है। कुंभ बजट की पहली किस्त जारी होने के बाद अखाड़ों में होने वाले स्थाई निर्माण शुरू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठकों में कुंभ के दौरान संतों व श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग अखाड़ा परिषद द्वारा रखी गयी है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि कंुभ मेला सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति की पहचान से जुड़ा महापर्व है। कुंभ के आयोजन को लेकर अखाड़ा परिषद निर्णय ले चुकी है। उसी के अनुसार 2021 में कुंभ स्नान संपन्न होंगे। इस अवसर पर श्रीमहंत रामरतन गिरी, स्वामी राजगिरी, स्वामी धनंजय गिरी, स्वामी मधुरवन, स्वामी बलवीर पुरी, महंत लखनपुरी आदि संत भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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