हरिद्वार। संभवतः पहली बार श्रावण की सोमवती अमावस्या का हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान नहीं हो सका। पुलिस की ओर से हरकी पैड़ी को पहले ही सील किया गया था। स्थानीय लोगों ने हरकी पैड़ी की बजाएं अन्य घाटों पर गंगा स्नान किया। जबकि सोमवती अमावस्या के लिए लगाई गई धारा 144 का कई गंगा घाटों पर उल्लंघन होता दिखाई दिया। मंगलवार से हर की पैड़ी पर पहले की तरह व्यवस्था की जाएगी। कर्मकांड को आने वाले यात्री और स्थानीय लोगों को हरकी पैड़ी जाने दिया जायेगा। सोमवार को धर्म नगरी में होने वाले सोमवती अमावस्या के स्नान को रद्द करने के साथ ही पुलिस प्रशासन की ओर से हरिद्वार की सीमाओं को सील किया गया था। कोरोना महामारी के कारण पहली धर्मनगरी में सोमवती अमावस्या के दिन सन्नाटा पसरा रहा। हरकी पैड़ी पर जहां इस दिन कई लाख लोग गंगा स्नान को करते थे। कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के चलते सोमवती अमावस्या पर भी हरकी पैड़ी सहित तमाम घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। सीमाएं सील होने व पुलिस के कड़े पहरे के चलते श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार नहीं पहुंच पाए। वहां एक भी यात्री और स्थानीय लोग नहीं दिखाई दिए। हरकी पैड़ी को रविवार की सुबह ही सील किया जा चुका था। बकायदा 50 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की ड्यूटी हर की पैड़ी पर लगाई गई थी। हरकी पैड़ी चैकी, सीसीआर टावर, संजय पुल, भीमगोडा, कांगड़ा घाट, मालवीय घाट, सुभाष घाट, अस्थि प्रवाह घाट पर बैरियर लगाए गए थे। गौरतलब है कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या स्नान कहा जाता है। धार्मिक मान्यतों के अनुसार सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। इन्हीं धार्मिक मान्यताओं के चलते उत्तर भारत के सभी राज्यों से लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। लाखों श्रद्धालुओं के आने से हरिद्वार में जमकर कारोबार होता है। जिससे सरकार को भी भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन कोरोना के प्रकोप के चलते इस बार सोमवती अमावस्या जैसे बड़े स्नान पर हरिद्वार के गंगा घाट सूने रहे। सीओ पूर्णिमा गर्ग ने बताया कि कोविड 19 के चलते सोमवती अमावस्या का स्नान स्थगित कर दिया गया है। हरकी पैड़ी पर स्नान करने पर पूर्ण रूप प्रतिबंध है। कोरोना ना फैले इसके लिए सभी जागरूक रहें और सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियमों का पालन करें।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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