हरिद्वार। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को प्राचीन श्री बिल्केश्वर महादेव में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया। जहां पर सुबह विशेष रूप से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया गया वही सायकालीन भगवान भोलेनाथ की भव्य आरती की गई। मंदिर के प्रबंधक महंत बलवीर पुरी ने बताया कि प्राचीन बिल्केश्वर महादेव में जल और बेल पत्री चढ़ाने से समस्त शारीरिक कष्टों का निवारण होता है साथ ही साथ कोई भी भूखा और गरीब नहीं रहता है तथा असाध्य रोग भी दूर होते हैं श्रवण मास में भगवान बिल्केश्वर को जल और बेल पत्री चढ़ाने का विशेष महत्व है समीप बने गौरीकुंड का जल अमृत समान है माता पार्वती द्वारा कुंड का जल ग्रहण किया गया था जिससे यह जल अमृत समान है जिन स्त्रियों के बच्चे नहीं होते तथा होकर मर जाते हैं तथा अविवाहित लड़कियों की शादी में अड़चन आती है वह नियम पूर्वक यदि पूजा पाठ करें तो सारे कष्ट दूर होते हैं ।आज श्रावण मास के अंतिम सोमवार को सुबह से ही भक्तों का ताता मंदिर में लगा रहा लेकिन सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन मंदिर व्यवस्थापक द्वारा कराया गया मंदिर व्यवस्थापक श्री बलवीर पुरी महाराज ने बताया कि प्रत्येक दिन भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया जाता है प्राचीन गौरीकुंड में मंदिर के अंदर रात्रि को रुकने की अनुमति नहीं है क्योंकि साक्षात रुप से माता पार्वती यहां विराजमान है बिल्केश्वर महादेव जो कि पूर्व में बेल के पेड़ के नीचे विराजमान थे तथा वर्तमान में नीम के पेड़ के नीचे विराजमान है जहां पर नियम पूर्वक पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है उन्होंने बताया कि देश में फैली महामारी को भगवान भोलेनाथ शीघ्र ही दूर करेंगे तथा समस्त भक्तों का कल्याण करेंगे
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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