हरिद्वार। दो दिन पूर्व रात्रि को हुई भारी बारिश के कारण रेलवे स्टेशन और गरीब दासी आश्रम के आसपास जलभराव हो गया,जलभराव की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने कैबिनेट मंत्री को अवगत कराया। मंत्री के निर्देश पर जलभराव की समस्या के समाधान को लेकर उप जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों के साथ मौका मुआयना किया। रविवार को यहां निरीक्षण के दौरान नालों की सफाई नहीं मिली। जबकि कई अन्य समस्या भी लोगों ने अधिकारियों को बताई। निर्मल सराय, रेलवे स्टेशन, गरीब दासी आश्रम में जलभराव होने की समस्या पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने मायापुर क्षेत्र का दौरा किया था। इसके बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक टीम बनाकर समस्या के समाधान के निर्देश दिए। टीम में एसडीएम गोपाल सिंह चैहान और अन्य कई अधिकारियों को शामिल किया गया था। रविवार को एसडीएम टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने जलभराव की समस्या को लेकर रेलवे स्टेशन का भी मुआयना किया। इसके बाद शिवमूर्ति के पास पहुंचे तो यहां नाला चोक मिला। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। घोड़ा अस्पताल के पास भी नाले के चैड़ीकरण को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान व्यापारी सुभाष चंद, राजू मनोचा, राजेंद्र प्रसाद भट, गरीब दासी आश्रम के स्वामी हरि आनंद, दिनेश दास, संजय वर्मा ने उन्हें बताया कि स्टेशन की तरफ से पानी आने की वजह से जलभराव की समस्या खड़ी हो रही है। रेलवे स्टेशन मायापुर में ऊपरी स्थान पर है। आश्रम व बाजार नीचे होने से पानी की निकासी नहीं हो रही। एसडीएम ने निरीक्षण के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारियों को जल्द समस्या के निस्तारण के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता एसके सहगल, पीडब्ल्यूडी ईई दीपक कुमार, जल संस्थान के ईई नरेश पाल सिंह और दिनेश दास, विनय दुआ, डॉ. संजय वर्मा, संतोष कुमार, अजय कुमार, अरविंद अग्रवाल, सुमित भार्गव आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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