हरिद्वार। जेईई-नीट की परीक्षा के लिए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने ऑनलाइन होने वाली परीक्षा के लिए दो नोडल अधिकारी नामित किए हैं। साथ ही अभ्यर्थियों के ठहरने सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। हरिद्वार में जिले में परीक्षा के दो केंद्र बनाए गए हैं, इनमें एक हरिद्वार सिडकुल बाईपास चैक बहादराबाद में तथा दूसरा पुहाना (भगवानपुर) में। हरिद्वार केंद्र की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी एसडीएम गोपाल सिंह चैहान को और रुड़की पुहाना केंद्र की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को दी गयी है। नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है, उसके लिए जेईई परीक्षा के बाद अलग से गाइडलाइन जारी होगी। नोडल अधिकारी नमामि बसंल और गोपाल सिंह चैहान ने बताया कि हरिद्वार जिले के केंद्र सामान्य रूप से गढ़वाल मंडल के अभ्यर्थियों के हैं। रहने आदि के लिए कोविड-19 के तहत जो गाइड लाइन है, वह देश के कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों के निवासियों पर लागू होती है। गढ़वाल मंडल का कोई जिला इसमें नहीं आता, इसलिए उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। इसे लेकर कोई भ्रांति न रह जाये, दिशा-निर्देश दे दिए हैं। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने बताया कि अभ्यार्थियों, होटल- धर्मशालाओं और परीक्षा केंद्र को कोरोना को लेकर स्वास्थ्य संबंधी सभी दिशा-निर्देशों सख्ती से पालन करने, सैनिटाइजेशन आदि करने के भी निर्देश दिए हैं। दो पालियों में एक से छह सितंबर तक होने वाली इस परीक्षा के लिए तीन-तीन सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं। इसके अलावा जिलाधिकारी सी. रवि शंकर ने परीक्षा केंद्रों के बाहर व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने को पर्याप्त संख्या पुरुष और महिला पुलिस बल तैनात करने के लिए एसएसपी को निर्देशित किया है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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