हरिद्वार। खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह को भाजपा में पुनः वापस लिए जाने पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे देवभूमि की जनता का अपमान बताते हुए भगत सिंह चैक पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला अध्यक्ष हेमा भण्डारी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता पर अमर्यादित भाषा में अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में निष्कासित किए गए खानपुर विधायक को पार्टी में वापस लेकर भाजपा ने प्रदेश की जनता का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि विधायक चैंपियन कुंवर प्रणव सिंह का कुछ समय पहले शराब और हथियारों के साथ एक कमरे में साथियों के साथ नाचते हुए एक वीडियो सामने आया था। जिसमें वे उत्तराखंड और उत्तराखंड वासियों के प्रति अभद्र भाषा का कर रहे थे। हेमा भण्डारी ने कहा कि विधायक की करतूत सामने आने पर दबाव में आकर भाजपा ने उन्हें पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया था। लेकिन महज 13 महीनों में बीजेपी ने अपने रूख में परिवर्तन करते हुए विधायक को वापस लेकर उत्तराखण्ड की जनता का अपमान किया है। जिससे भाजपा चाल चरित्र और चेहरा जनता के सामने आ गया है। इससे उसकी कथनी करनी में अंतर का भी साफ पता चलता है। अनिल सती ने कहा कि महिला के साथ दुष्कर्म के आरोपी विधायक महेश नेगी पर भाजपा ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कार्रवाई करने के बजाए विधायक को सफाई पेश करने का मौका दिया जा रहा है। आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश्ेा में बीजेपी के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश करेगी। राज्य और राज्य के लोगों को गाली देने वाले किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में पवन धीमान, शिशुपाल सिंह नेगी, रघुवीर सिंह पंवार, अम्बरीष गिरी, शाह अब्बास, अर्जुन सिंह, मंजू सिंह, प्रमोद शर्मा, सुगन्धा वर्मा, दीपचंद, शाहीन, तनुज शर्मा, प्रवीण सिंह, अनिल गुप्ता आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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