हरिद्वार। डेंगू के प्रति जनसामान्य को जागरूक करने के उद्देश्य से शहर के वरिष्ठ समाजसेवी डा.विशाल गर्ग द्वारा निर्मित शार्ट फिल्म रविवार को रिलीज की गयी। फिल्म का लेखन और निर्देशन पत्रकार एमएस नवाज ने किया है। कोरोना महामारी के बीच डेंगू बुखार के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए बनायी गयी फिल्म में हरिद्वार के कलाकारों ने भूमिका निभाई है। फिल्म मध्य हरिद्वार में रहने वाले शर्मा परिवार के इर्द गिर्द घूमती है। फिल्म के मुख्य किरदार राम भरोसे शर्मा है और इस किरदार को ठाकुर विक्रम सिंह नाचीज ने अदा किया है। फिल्म में दिखाया गया है कि खुद को कोरोना योद्धा समझने वाले राम भरोसे शर्मा लोगों को कोरोना से बचने के उपाय बताते रहते हैं। लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय बताते राम भरोसे डेंगू को भूल जाते हैं और आखिर में डेंगू का डंक उन्हें अस्पताल पहुंचा देता है। फिल्म में राम भरोसे शर्मा की पत्नी, उनका बेटा, उनकी बेटी और बहू हैं जो सभी अपने आप मगन में और डेंगू से बेखबर रहते हैं। फिल्म में डाॅक्टर की भूमिका निभाने वाले डा.विशाल गर्ग ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि आज जहां कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, वहीं दूसरी ओर डेंगू का भी सीजन शुरू हो गया है। डेंगू के कारण हरिद्वार में एक कारोबारी की मौत भी हो चुकी हैं। लोगों को कोरोना और डेंगू दोनों के प्रति जागरूक करने के लिए ही इस फिल्म का निर्माण किया गया है। हमारा ये प्रयास लोगों को जागरूक करने को लेकर ही है। कलाकारों में सामाजिक कार्यकर्ता विभाष मिश्रा, सुप्रिया शर्मा, सचिन अरोड़ा, विवेक शर्मा, श्रद्धा शर्मा, सिमरन कौर, कमल रामानुज, लवली, देवांश शर्मा, अंकित शामिल है। फिल्म में सुनील अरोडा, अनिल भास्कर, डा.पीके धवन आदि ने भी सहयोग किया है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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