हरिद्वार। जनपद में कोरोना संक्रमण के मामले दूसरे दिन भी कम दर्ज किये गये। बुधवार को जनपद में कोविड19 यानि कोरोना वायरस संक्रमण के 86 नये मरीजों की पहचान की गयी। हलांकि बुधवार को एक्टिव केस की संख्या अचानक बढ़ गयी। 35कोरोना मरीज को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया,जबकि कटेनमेंट जोन की संख्या 257 ही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार बुधवार को जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण के 86 नये मरीजों की पहचान की गयी, जबकि 35मरीजों के स्वस्थ होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। इसके साथ ही जनपद में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8569 हो गयी,जिसमें से 412 एक्टिव केस है,जो कि विभिन्न कोविड केयर केन्द्रांे में उपचाराधीन है।जनपद से अब तक 110701व्यक्तियों के सैंपल कोविड जांच के लिए भेजा जा चुका है,जिनमें 108549 व्यक्तियों की रिर्पोट आ चुकी है,जिनमें से 97736नेगेटिव,8569पाॅजिटिव तथा 2152 व्यक्तियों के सैंपल की जांच रिर्पोट का इंतजार है। बुधवार को 1727 व्यक्तियों के कोविड जांच के लिए सैंपल भेजे गये,जबकि कटेनमेंट जोन की संख्या 257 पर बरकरार है।बुधवार को हरिद्वार शहरी क्षेत्र से 15,बहादराबाद क्षेत्र से 40,लक्सर से 10,रूड़की क्षेत्र से 18,भगवानपुर व नारसन से एक-एक पाॅजिटिव की पहचान की गयी
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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