हरिद्वार। जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देशों का पालन करते हुए डेगू के विरूद्ध अभियान के तहत अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह के द्वारा समस्त अखाड़ों में नगर निगम और अधिशासी अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत ने सक्रिय रूप से अभियान चलाया और कई स्थानों पर लार्वा नष्ट किया। नगर निगम हरिद्वार की टीम ने अपर मेला अधिकारी के साथ जून अखाड़ा मायादेवी मंदिर, आनंद अखाड़ा निरंजीन अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़ा, दिगम्बर अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़ा, पंचायती निर्मला अखाड़ा, महानिर्वाणी नया उदासीन अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, जिला पंचायत ने चंडीदेवी मंदिर, ब्लाॅक भगवानपुर के मंदिर, श्यामपुर कांगड़ी, जिन अखाड़ों मंदिर में लार्वा पाया गया नगर निगम टीम ने तुरंत नष्ट किया। नगर निगम रूडकी द्वारा मंदिर मस्जिद, गिरजाघर, आश्रमों आदि निरिक्षण के दौरान जिन धार्मिक स्थानों में लार्वा पाया गया। पे्रम मन्दिर सिविल लाईन सिक्रेड हर्ट चर्च सिविल लाई साई बाबा मंदिर सिविल लाईन सैंट्रल मैथेडिस्ट चर्च सिविल लाईन देवाश्रम सनीदेव मदिंर गुरू साहिब द्वारा साई सेवा समिति पंचशील मंदिर शिव मंदिर आदर्शनगर श्विमन्दिर लार्वा पाया गया पंचशील मंदिर सैंट्रल मैथेडिस्ट चर्च सिके्रड हर्ट चर्च गीता भवन चावमण्डी वाल्मिकी मंिदर चावमण्डी गौशाला चावमण्डी गुरू गोरखनाथ मन्दिर गुरू रविदास मंदिर शेखपुरी मस्जिद, शिवमन्दिर शिवपुरम गणेश चैक गणेशपुर शिवमन्दिर गींताजलि विहार, रेलवे स्टेशन मस्जिद शिवमान्दिर रेलवे स्टेशन सिद्धदेश्वर महादेव नवदुर्गा मन्दिर, गंगनहर सत्यानरायण मन्दिर में श्री राम मंिदर रामनगर श्री दुर्गा मन्दिर, संकट मोचन मन्दिर रामनगर श्री सन्तोषी मन्दिर, रविदास मंदिर रामनगर, भुमिया खेडा गुरूद्वार रामनगर ,हाईवे आजाद नगर मस्जिद, जय जहावीर मदिंर, सुभाष मदिंर प्राचीन हनुमान मदिंर, सहित कुल 57 जगहों पर अभियान चलाया गया। कार्यक्रम का संयोजन डिप्टी कलेक्टरध्नगर आयुक्त श्री शैलेन्द्र नेगी ने किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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