हरिद्वार। मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री हेमंत सिंह नेगी ने बताया सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हमारे जीवन में शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का हमेशा आदर और सम्मान करना चाहिए। उन्होने बताया टीचर्स डे के दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था, इसलिए इन्हें सम्मान देने के लिए ही टीचर्स डे मनाया जाता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को किसी ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए कहा था तब उन्होंने कहा था कि अगर मेरे जन्मदिन के बजाय इस दिन शिक्षक दिवस मनाया जाए तो मुझे ज्यादा खुशी होगी। राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री ने बताया शिक्षक हर किसी छात्र के जीवन में एक प्रेरणा का स्रोत होते हैं। शिक्षक अपना पूरा जीवन अपने विद्यार्थियों को एक महान व्यक्ति बनाने में लगा देते हैं। एक छात्र अपने जीवन में जो भी सफलता पाता है उसका सर्वप्रथम श्रेय उसके अध्यापकों को जाता है। शिक्षक ही शिक्षा और हर किसी वस्तु का मूल्य, नैतिकता सिखाते हैं। शिक्षकों की मेहनत और लगन के कारण ही व्यक्ति के मानसिक विकास और एक सुन्दर समाज का निर्माण होता है। मानव अधिकार संरक्षण समिति की नगर अध्यक्षा रेखा नेगी ने बताया कि दुनिया में एक शिक्षक या अध्यापक बनने से बड़ा और महान कार्य और कुछ नहीं। यह विश्व का सबसे महान पेशा या व्यवसाय भी है। इन्हीं महान शिक्षकों को सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को पुरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमें अपने जीवन में शिक्षकों के मूल्यों को समझना और महसूस करना चाहिए और दिल से सम्मान के साथ शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष मानना चाहिए। शिक्षक हमारे माता-पिता से भी बढ़ कर हैं जो हमें हमेशा सफलता की राह दिखाते हैं। वे तभी खुश होंगे और स्वयं को सफल मानेंगे जब उनके छात्र आगे बढ़ेंगे और सफलता प्राप्त करके उनका नाम पुरे विश्व भर में फैला देंगे। हमें अपने शिक्षकों से मिले सभी अच्छे सुविचारों का पालन करना चाहिए यही उनके लिए सबसे सम्मान की बात है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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