हरिद्वार। भेल ट्रेड यूनियन संघर्ष मोर्चे की हीप व सीएफएफपी की नौ यूनियनों ने हीप मेन गेट पर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी के साथ जमकर प्रदर्शन किया। यूनियन प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन श्रमिकों के हितों पर कुठाराघात कर रहा है। भेल ट्रेड यूनियन संघर्ष मोर्चे ने ड्यटी पाली के समय में संशोधन के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए एकजुट होकर संघर्ष करने का ऐलान करते हुए कहा कि बिना कैंटीन की सुविधा बहाल किये नयी समय सारणी लागू करना फैक्ट्री एक्ट के नियमों के विरुद्ध है। रवि कश्यप, राकेश मालवीय, मोहित शर्मा आदि श्रमिक नेताओं ने कहा कि भेल प्रबंधन बिना सोचे विचारे एक तरफा निर्णय ले रहा है। इसके अलावा प्रबंधिका ने कुछ यूनियनों के केन्द्रीय व स्थानीय नेताओं से सांठगांठ करते हुए कोरोना की आड़ लेकर मजदूरों को मिलने वाले एलाउंस, टांसपोर्ट सब्सिडी, ईएल नकदीकरण, पक्र्स आदि सुविधाओं में कटौतियां कर दी है। इसके अलावा 2018-19 बोनस की दूसरी किस्त का अभी तक भुगतान नहीं किया है। जिसका मोर्चे के सभी संगठन एकजुट होकर विरोध करेंगे और यदि प्रबंधन अपनी जिद पर अड़ा रहा तो आगे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। जिसके लिए भेल हरिद्वार प्रबंधन स्वयं जिम्मेदार होगा। साथ ही 2019-20 के (पीपीपी) के लिए जेसीएम अतिशीघ्र बुलायी जाये। प्रदर्शन करने वालों में हेवी इलेक्ट्रिकल्स वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष रवि कश्यप व राकेश मालवीय, हेमू यूनियन के महामंत्री मोहित शर्मा व अध्यक्ष रामकुमार, बीएमएस के महामंत्री संदीप कुमार व अध्यक्ष अरूण गुप्ता तथा भेल कर्मचारी परिषद् के महामंत्री अमित चैहान व उपाध्यक्ष पारितोष कुमार, आशीष सैनी, अब्बास, मेहर सिंह, अरविंद कुमार, रविन्द्र चैहान, अमित गोगना, जय शंकर, पंकज शर्मा, नरेश सिंह, मनमोहन व संदीप सिंह, सौरभ त्यागी, सचिन शर्मा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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