हरिद्वार। कोरोना काल के इस दौर में दो अलग अलग घटनाओं ने दो लोगों ने फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। सूचना पर मौके पर पहुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्तम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया,दोनो ही मामलों में कोई सुसाइड नोट नही मिला। पहले मामले में नगर कोतवाली क्षेत्रान्गर्त एक धर्मशाला में ठहरे हरियाणा के यात्री ने फांसी पर लटक कर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस के अनुसार शनिवार को भीमगोड़ा क्षेत्र की एक धर्मशाला में वाल्मीकि बस्ती, हनुमान गेट भिवानी हरियाणा निवासी मुकेश आकर ठहरा था। बताया जाता है कि शनिवार को दोपहर तक दरवाजा नहीं खुलने पर जब कर्मचारी ने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई आहट नहीं हुई। दरवाजा अंदर से बंद था। किसी तरह दरवाजा खोला तो शव पंखे से लटका हुआ था। इसकी सूचना मिलते ही खड़खड़ी चैकी प्रभारी दिलबर कंडारी ने मौके पर पहुंचकर शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। परिजनों को सूचना दे दी गई है। दूसरे मामले में कनखल थाना क्षेत्रान्गर्त ग्राम जमालपुर कलां स्थित गैस गोदाम के परिसर में एक व्यक्ति ने पेड़ पर गमछे के सहारे फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। पुलिस के अनुसार घटना शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे की है, जब पप्पू पुत्र रामसेवक (48) निवासी बखसेना थाना हजरतपुर जिला बदायूं उत्तर प्रदेश हाल निवासी जमालपुर कलां का शव पेड़ पर फांसी से लटका हुआ था। एलपीजी गैस गोदाम परिसर में गमछे के सहारे आम के पेड़ से लटके शव को पुलिस ने नीचे उतरवाया। कार्यवाहक थानाध्यक्ष चंद्रमोहन के अनुसार मौके से कोई सुसाइड नोट नही मिला,पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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