हरिद्वार। मेला अस्पताल के पूर्व सीएमएस डॉ एसके सिंह के घर में घुसकर कुछ लोगों ने उनके भतीजे और बेटे पर हमला बोल दिया। इस मामले में रानीपुर कोतवाली पुलिस ने 7 हमलावरों को नामजद करते हुए कई अन्य के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मारपीट में पूर्व सीएमएस के भतीजे के चोट लगी है। डा. सिंह ने शिकायत देकर बताया कि वह पिछले कई सालों से रानीपुर कोतवाली क्षेत्र की शिवलोक कॉलोनी में रहते हैं। घटना रविवार रात की है जब उनका बेटा और भतीजा गणेश प्रताप सिंह घर के आंगन में बैठे थे। तभी वार्टर वर्क्स कॉलोनी निवासी रोहित, मोहिन, नन्नू, पवन, लुक्का, काका व अखिल घर के बाहर घूम रहे थे। युवक सीटी बजा रहे थे। गणेश ने सीटी बजाने से रोका तो दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया। इसी बात को लेकर गाली-गलौच और कहासुनी हो गई। आरोप है कि सातों युवकों ने घर में घुसकर गणेश प्रताप सिंह पर हमला कर दिया। झगड़े में गणेश प्रताप के अलावा पड़ोसी प्रभजोत सिंह, प्रमोद आदि घायल हो गए। कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह धामी ने बताया कि रोहित, मोहिन, नन्नू, पवन, लुक्का, काका व अखिल निवासीगण वाटर वर्क्स कॉलोनी, शिवलोक रानीपुर हरिद्वार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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