Skip to main content

गुरूनानक देव का ज्योति ज्योत पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया

हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में गुरूनानक देव का ज्योति ज्योत पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस दौरान अखाड़े में स्थित गुरूद्वारे में अरदास व शबद कीर्तन किया गया। श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव ने देश दुनिया का भ्रमण कर अंधविश्वास और आडंबरों का विरोध कर समाज का मार्गदर्शन किया और समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया। उन्होंने समाज से जातपात का भेदभाव समाप्त करते हुए सभी को समान दृष्टि से देखने की दिशा में कदम उठाते हुए लंगर प्रथा की शुरूआत की। जिससे सेवा और भक्ति भाव का संदेश संपूर्ण विश्व में संचारित हुआ। गुरू नानक देव की वाणी, शांति, ज्ञान और वैराग्य से ओतप्रोत है। उन्हीं के बताए मार्ग पर चलकर निर्मल संप्रदाय के संत महापुरूष राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं। अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री व निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव एक अवतारी महापुरूष थे। जिन्होंने समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर समाज में व्याप्त अंधकार को दूर किया और समस्त जाति को मानवता का संदेश दिया। उनके आदर्शों का अनुसरण करते हुए संत समाज मानव सेवा हेतु सदैव तत्पर है। महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी व स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि महापुुरूषों ने समाज को सदैव नई दिशा प्रदान की है। गुरूनानक देव संपूपर्ण मानवता के संरक्षक थे। उनके उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। गुरूनानक देव ने सच्चाई के मार्ग का अनुकरण करते हुए संपूर्ण  विश्व का भ्रमण किया और अपना जीवन मानव सेवा में समर्पित किया। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का महंत अमनदीप सिंह महाराज ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत लक्ष्मण सिंह शास्त्री, महंत राजिन्दर सिंह, महंत ज्ञान सिंह, महंत गुरूभक्त सिंह, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, महंत देवानंद सरस्वती, महंत प्रेमदास, महंत अरूणदास, म.म.स्वामी कपिलमुनि, महंत दामोदर दास, महंत जमुनादास, संत तलविन्दर सिंह, संत जसकरन सिंह, संत सुखमन सिंह, ज्ञानी जैल सिंह, महंत हरभजन सिंह, महंत निर्मल सिंह, संत रामस्वरूप सिंह, महंत खेमसिंह, महंत मोहन सिंह, महंत दिनेशदास, महंत दुर्गादास, महंत सुमितदास, महंत ज्ञानानंद स्वामी ललितानंद गिरी, संत रोहित सिंह आदि मौजूद रहे।


Comments

Popular posts from this blog

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को ...