हरिद्वार। जनपद में कोरोना का कहर जारी है। मंगलवार को भी 121 कोविड19 के नये मरीजों की पहचान की गयी। इसके साथ ही जनपद में संक्रमितों की संख्या पांच हजार के करीब होने की ओर अग्रसर है। 27लोगों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया,जबकि 1582 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गये। अब तक 27सौ से अधिक लोगो के सैंपल की जांच रिर्पोट का इंतजार है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार मंगलवार को जनपद में कुल 121नये कोरोना संक्रमितों की पहचान की गयी। इसके साथ ही जनपद में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 4769 हो गयी है। इनमें से 460 एक्टिव केसों की संख्या है,इन सभी को विभिन्न कोविड केयर केन्द्रों में भर्ती कराया गया है। मंगलवार को 27 लोगों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया। जनपद के विभिन्न फेसिलिटी केन्द्रों मं 4208 व्यक्तियों को भर्ती किया गया है। हलांकि फेसिलिटी केन्द्रों से अब तक 4201 व्यक्तियों को अवमुक्त किया जा चुका है। मंगलवार को 1582 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गये। जनपद में कटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 448 हो गयी है,इन जोनों में संक्रमित मरीज पाये गये है। जनपद से अब तक कुल 66884 व्यक्तियों के कोविड19 के सैंपल जांच के लिए भेजे गये,जिनमें से 62616 व्यक्तियों की रिर्पोट प्राप्त हो चुकी है। प्राप्त रिर्पोटों में 60867 नेगेटिव तथा 4769 पाॅजिटिव पाये गये है। अभी भी 2708 लोगों की सैंपल की जांच रिर्पोट का इंतजार है। मंगलवार को हरिद्वार शहरी क्षेत्र से 20,बहादराबाद क्षेत्र से 28,नारसन क्षेत्र से 16,रूड़की क्षेत्र से 55 तथा भगवानपुर क्षेत्र से 2 संक्रमितों की पहचान की गयी। मंगलवार को संक्रमित मरीजों में स्वास्थ्य विभाग के दो कार्मिकों के अलावा 6अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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