हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस को सेवा सप्ताह के रूप में मना रही भाजपा रविवार से कोरोना जन स्वास्थ्य परीक्षण अभियान शुरू करेगी। यह जानकारी भाजपा जिला महामंत्री विकास तिवारी ने शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए दी। प्रैस क्लब में आयोजित वार्ता के दौरान विकास तिवारी ने बताया हरिद्वार शहर के सभी 37 वार्ड में स्वास्थ्य परीक्षण अभियान चलाया जाएगा। तीनों मण्डल अध्यक्षों की देखरेख में चलाए जाने वाले स्वास्थ्य परीक्षण अभियान के लिए वार्ड पार्षदों को प्रभारी बनाया गया है। रविवार को अभियान की शुरूआत नई बस्ती भीमगोड़ा से की जाएगी। उन्होंने कहा जिस प्रकार कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है। उसमें भाजपा कार्यकर्ता लगातार सेवा कार्य कर रहे हैं। लाॅकडाउन में मोदी टिफिन, मोदी किचन के माध्यम से भोजन वितरण, राशन वितरण, मास्क सैनिटाइजर साबुन वितरण जैसे जन सेवा कार्य चलाए गए। शहरी क्षेत्र में काम कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीमों का कोरोना जन स्वास्थ्य परीक्षण अभियान के तहत कार्यकर्ता सहयोग करेंगे और घर घर जाकर लोगों का आॅक्सीजन लेवल नापेंगे तथा थर्मल स्केनर से बुखार आदि चेक करेंगे। कार्यकर्ताओं को आॅक्सीमीटर व थर्मल स्केनर उपलब्ध कराए गए हैं। विकास तिवारी ने कहा कि कोविड केयर सेंटर में भर्ती लोगों की शिकायतों का संज्ञान लेकर व्यवस्थाओं को दिखवाया जाएगा। हरिद्वार मण्डल अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, मध्य हरिद्वार मण्डल अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार अरोड़ा ने कहा कि अभियान में शामिल पार्षदों व कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। आवश्यकता होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने में भी सहयोग किया जाएगा। प्रैसवार्ता में मण्डल महामंत्री अनिमेष कुमार व राहुल शर्मा भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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