के.एन. गोविंदाचार्य हरिद्वार के सप्त सरोवर क्षेत्र में गंगा की पूजा के बाद 25 दिवसीय अध्ययन प्रवास अभियान पर निकल पड़े
हरिद्वार। सोमवार को प्रख्यात चिंतक के.एन. गोविंदाचार्य हरिद्वार के सप्त सरोवर क्षेत्र में गंगा की पूजा अर्चना करने के बाद अपने 25 दिवसीय अध्ययन प्रवास अभियान पर निकल पड़े। वे गंगा तट पर स्थित प्रदेशों में होते हुए 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन गंगासागर कोलकाता पहुंचेंगे। जहां वे अपने इस अभियान का समापन करेंगे। 20 साल पहले उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री पद को छोड़कर पार्टी से 20 साल का अध्ययन अवकाश लिया था ।उस अध्ययन अवकाश की समाप्ति वे गंगा के तटों की यात्रा कर अध्ययन प्रवास के रूप में कर रहे हैं। अध्ययन प्रवास पर रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि आज कोरोना महामारी के रूप में भारत समेत पूरे विश्व में फैला हुआ है। जिसकी अभी तक कोई दवाई नहीं बनी है ।सामाजिक दूरी और मास्क लगाना और सावधानी ही इसका बचाव है। उन्होंने कहा कि इससे पूरी अर्थव्यवस्था पर अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर भारत के मूल मंत्र से ही निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना महामारी को अवसर के रूप में बदलना चाहिए और देश को स्वावलंबी बनाने के लिए काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री का आत्म निर्भर भारत का कदम इस ओर देश को ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल खोलकर प्रशंसा की और उन्हें अपना प्रिय मित्र बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 6 सालों के शासन काल में भारत की विभिन्न समस्याओं को भली-भांति गहराई से समझा है और इन समस्याओं का हल आत्मनिर्भर भारत ही है जिस दिशा में प्रधानमंत्री बड़ी सूझबूझ से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे ना सत्ता की ललक है ,ना ही किसी पद की, मेरा ध्यान केवल भारत के लोगों को स्वावलंबी बनाने और उनमें स्वाभिमान जागृत करना है।
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