हरिद्वार। जिलाधिकारी सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में गत दिवस कलेक्ट्रेट में नशा मुक्ति भारत अभियान की समिति की बैठक वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई। बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेन्द्र यादव ने बताया कि नशा मुक्ति भारत अभियान को गति प्रदान करने और उसमें तेजी लाने के लिये 01 करोड़ 10 लाख का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे स्वीकृति के लिये भारत सरकार को भेजा जायेगा, जिसकी स्वीकृति के पश्चात नशा मुक्ति भारत अभियान के तहत चलाये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को चलाने में काफी गति मिलेगी। इस पर जिलाधिकारी ने सभी पहलुओं पर ध्यान रखते हुये एक संशोधित विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश समाज कल्याण अधिकारी को दिये। बैठक में नशा मुक्ति केन्द्र, मिसरपुर, लस्कर की संस्था के हेड डी0के0 ध्यानी ने जिलाधिकारी को बताया कि उनकी संस्था कई वर्षों से समाज में नशाा मुक्ति के क्षेत्र में कार्य कर रही है एवं उनका काम क्षेत्र में सराहनीय रहा है तथा नशे के शिकार कई व्यक्तियोंध्बच्चों को वे नशे की दुनिया से बाहर लाये हैं। जिलाधिकारी ने श्री ध्यानी से कहा कि कोविड-19 का भी ध्यान रखते हुये वेबिनार, गूगल मीट आदि को भी शामिल करते हुये एक विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करें। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जिलाधिकारी को बताया कि पुलिस के स्तर से हर स्कूल व काॅलेज में एक समिति बनाई गयी है, जो समय-समय पर नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाती रहती है, जिसमें काफी लोग जुड़े हुये हैं। जिलाधिकारी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक विस्तृत रिपोर्ट इस सम्बन्ध में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास विभाग, नशा मुक्ति केन्द्र, मिसरपुर, लस्कर के हेड सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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