हरिद्वार। पूर्व पालिका अध्यक्ष स्वामी सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कुंभ मेले के सूक्ष्म आयोजन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लाखों करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केंद्र बिन्दु महाकुंभ मेला है। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में धार्मिक पर्यटन भी बुरी तरह से प्रभावित है। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री महाकुंभ मेले के आयोजन को लेकर भी डराने वाली घोषणाएं कर रहे हैं। धार्मिक नगरी हरिद्वार का कारोबार धार्मिक पर्यटन पर निर्भर चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य धार्मिक आयोजन ना होने से रिक्शा वाला, तांगे वाला, लघु व्यापारी, होटल, धर्मशाला, आश्रम संचालक आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। लेकिन कुंभ मेले के आयोजन को लेकर यात्री श्रद्धालु मात्र ई पास के जरिए से यात्रियों को लाने की योजना किसी भी रूप में प्रभावी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को चेताने के लिए संत समाज व सामाजिक संगठनों, व्यापारियों को आगे आना चाहिए। कंुभ मेले का आयोजन भव्य व दिव्य रूप से ही होना चाहिए। व्यापारी कई वर्षो तक कुंभ मेले के आयोजन का बेसब्री से इंतजार करता है। कोरोना काल के चलते धर्मनगरी के व्यापारियों का बुरा हाल है। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आए दिन नए आदेश पारित कर भ्रम की स्थिति डालने का काम कर रहे हैं। ई पास की व्यवस्था कहीं से भी तर्क संगत नजर नहीं आ रही है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश की जनता में कुंभ मेले को लेकर डर भय ना फैलाएं। कोरोना काल की स्थिति को देखते हुए ही सरकार को निर्णय लेना चाहिए। ट्रैवल्स व्यवसायी, होटल, लाॅज स्वामी, आॅटो रिक्शा चालक सभी अपनी आजीविका से परेशान हैं। सरकार को बेहतर उपाय तलाशते हुए महाकुंभ मेले के आयोजन को करना होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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