हरिद्वार। आम आदमी पार्टी के जोन इंचार्ज मनोज द्विवेदी ने प्रैस का जारी बयान में कहा है कि भाजपा कांग्रेस दोनों ही पार्टियां प्रदेश हित में काम नहीं कर पायी हैं। प्रदेश की जनता भाजपा की रीति नीतियों से परेशान हो चुकी है। उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी जोरदार तरीके जनता की आवाज को उठाएगी। जनहित में आम आदमी पार्टी प्रदेश की जनता को दिल्ली के तर्ज पर सुविधाएं भी मुहैया कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। भाजपा कांग्रेस के विकल्प के रूप में उत्तराखण्ड की जनता आम आदमी पार्टी को पसंद कर रही है। प्रदेश में रोजाना हजारों लोग पार्टी से जुड़ रहे हैं। मनोज द्विवेदी ने कहा कि आम आदमी की सरकार बनने पर प्रदेश की भोगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए बीस हजार लीटर पानी, दो सौ यूनिट बिजली, बारहवीं तक निःशुल्क शिक्षा के साथ मोहल्ला क्लीनिक जैसी सुविधाएं प्रदेश की जनता को दी जाएंगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली वासियों को अनेकों योजनाओं की सोगात दे रहे हैं। दिल्ली की तर्ज पर ही उत्तराखण्ड वासियों को अनेकों सोगाता आम आदमी पार्टी देगी। विधानसभा चुनाव में सभी 70 सीटों पर आम आदमी पार्टी पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। मनोज द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर उचित उपाय नहीं कर पा रही है। लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर डर भय बना हुआ है। लेकिन दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के फैलाव को लेकर भी कार्य योजनाएं तैयार कर कोरोना की रोकथाम की गयी। लेकिन उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार कोरोना की रोकथाम में पूरी तरह विफल रही है। स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर झूठी घोषणाएं करने का भी आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी को प्रदेश की जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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