हरिद्वार। हर की पैड़ी पर प्रवाहित गंगा को स्कैप घोषित करने सम्बन्धी पिछली सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को खत्म करने की मांग को लेकर पिछले 25 दिनों से तीर्थ पुरोहितों का धरना जारी है। गुरूवार को मातृसदन प्रमुख स्वामी शिवानंद ने धरना स्थल पर पहुचकर तीर्थपुरोहितों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार से तत्काल अध्यादेश को रदद करने की मांग की। इस दौरान मातृसदन प्रमुख ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाये। गुरूवार को तीर्थ पुरोहितों के द्वारा शासनादेश को वापस लेने की माँग को लेकर चल रहा धरना पच्चीसवें दिन में प्रवेश कर गया है। गुरूवार के उपवास में प्रदीप नीगारे व सुनिल चाकलान बैठे। सहारनपुर से अपूर्व गुप्ता व चंदन ने अपने साथियों संग धरना स्थल पर पहुँच कर भजन गायन कर माँ गंगा से प्रार्थना की। मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद भी धरना स्थल पर पहुँचे। धरना स्थल पर सौरभ सिखला, अनिल कौशिक, सचिन कौशिक, सौरभ गौतम, अभिषेक वशिष्ठ, पवन पचभैय्या, उमाशंकर वशिष्ठ, अनुज झा, देवम शर्मा, सोनू चाकलान, आकाश पचैली, तुषार शर्मा, अमित झा, राजू झा, मनोज कुमार लूतीये, राजेश चाकलान, ईशान भगत, सत्यम अधिकारी, विजय पाल, ब्रजमोहन शर्मा, शीवांश शर्मा, सुरेश शर्मा, परशुराम भारद्वाज आदि लोग मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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