हरिद्वार। कुंभ मेला 2021 को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन की तैयारियां शुरू कर दी है। इसी के तहत कुम्भ मेला के लिए करीब 800 पुलिसकर्मियों का पहला जत्था मंगलवार को हरिद्वार पहुंचेगा। जबकि कुम्भ मेला आइजी ने नौ पुलिस क्षेत्राधिकारियों की जिम्मेदारियां भी तय कर दी हैं। कुंभ मेला शुरू होने में अब सिर्फ एक महीने का समय बचा है। मेले में सुरक्षा के मद्देनजर व्यापाक इंतजाम किए जा रहे हैं। मंगलवार से पहले चरण का फोर्स हरिद्वार पहुंच जाएगा। मंगलवार को पहुंच रहे करीब 800 पुलिसकर्मियों के अलावा 140 पुलिस अधिकारी कर्मचारी भी कुंभ ड्यूटी में पहुंच रहे हैं। इनमें राजपत्रित अफसर, इंस्पेक्टर, एसआइ भी शामिल हैं। फोर्स के हरिद्वार पहुंचने पर सबसे पहले मेला क्षेत्र में अस्थायी अतिक्रमण हटाया जाएगा। कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल ने बताया कि मेला क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, गंगा घाट और शाही स्नान के लिए अखाड़ों का मार्ग, पेशवाई मार्ग, सुरक्षा के लिहाज से कई बिदुओं पर पुलिस फोर्स को जानकारी दी जाएगी। आइजी ने बताया कि तीन सौ होमगार्ड भी कुंभ मेला पुलिस का हिस्सा बने हैं, उनसे भी आवश्यक कार्य लिए जा रहे हैं। बताया कि सीओ अनुज को पंतद्वीप, लालजीवाला, भीमगोड़ा, वंदना वर्मा को ऋषिकेश, मुनीकीरेती, लक्ष्मणझूला, नीलकंठ, सीओ अनिल मनराल को रोड़ीबेलवाला, मायापुर, सीओ आशीष भारद्वाज को नीलधारा, खोया पाया सेल, गौरीशंकर, शांतनु पराशर को कनखल, ज्वालापुर, दक्षद्वीप, सोशल मीडिया, आइटी सेल, धन सिंह तोमर को हरकी पैड़ी, हरिद्वार कोतवाली, मंसादेवी, सीओ तपेश कुमार चंद्र को जीआरपी, वीरेंद्र प्रसाद डबराल को भूपतवाला, सप्तसरोवर, रायवाला और विनोद कुमार थापा को रानीपुर, पीएसी और गैर जिलों से आ रहे पुलिस फोर्स की जिम्मेदारी दी गई है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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