हरिद्वार। थाना कनखल क्षेत्र में तीन दिन पूर्व अधिवक्ता सजल शर्मा के आत्महत्या करने के मामले में मृतक की माॅं की शिकायत पर पुलिस ने अधिवक्ता की पत्नी और ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार मृतक अधिवक्ता की मां ने आरोप लगाया है कि बहू और समधि ने उसके बेटे को परेशान किया। इस कारण बेटे ने आत्महत्या की है। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बताते चले कि कनखल थाना क्षेत्र के लाटोवाली निवासी अधिवक्ता सजल शर्मा पुत्र स्व.चन्द्र प्रकाश शर्मा 37 वर्ष ने तीन दिन पहले आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने आत्महत्या करने का कारण मानसिक परेशानी बताया था। इस मामले में मंगलवार को अधिवक्ता की मां आशा शर्मा पत्नी स्व. चंद्र प्रकाश शर्मा निवासी हजारी बाग कनखल ने पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया कि उसके बेटे को आत्महत्या करने के लिए उकसाया गया है। पुलिस के अनुसार आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही सजल की पत्नी दिव्या, ससुर विनय कुमार कौशिक उसको परेशान करते थे। वर्ष 2019 में दिव्या ने अधिवक्ता सजल और सास आशा शर्मा के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। इससे पहले ही मां आशा अपने बेटे सजल शर्मा से अलग रहने लगी थी। पुलिस के अनुसार आशा शर्मा कनखल के हजारी बाग में कमरा लेकर रह रही थीं। आरोप है कि मुकदमा दर्ज कराने के बाद बहू ने मकान अपने नाम कराने के शर्त रखी थी। जिसके बाद इसी साल 30 जनवरी को मकान बहु के नाम कराने के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। आरोप है कि मकान नाम कराने के बाद भी बहू ने सजल को परेशान करना नहीं छोड़ा। जिस कारण परेशान होकर सजल ने आत्महत्या कर ली। बता दें कि 18 फरवरी वर्ष 2011 को सजल शर्मा का विवाह विकास नगर लाइन मुरादाबाद निवासी दिव्या के साथ हुआ था। इंस्पेक्टर शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि दिव्या और विनय कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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