हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की एक्कड़ कलां शाखा के महंत व आरएसएस के पर्यावरण विभाग के जिला प्रमुख महंत अमनदीप सिंह महाराज के संयोजन तथा अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह के तत्वावधान में शंकराचार्य चैक स्थित गंगा घाट पर वृहद स्तर पर सफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि गंगा बंदी के दौरान गंगा सफाई का बड़ा लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गंगा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बिन्दु है। गंगा में किसी भी तरह की गंदगी व अवशिष्ट पदार्थ नहीं फेंके जाने चाहिए। सभी की सहभागिता से ही गंगा को अविरल व निर्मल बनाया जा सकता है। गंगा सफाई में प्रत्येक नागरिक को योगदान करना चाहिए। अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह गंगा के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। उन्होंने गंगा सफाई अभियान में हिस्सा लेकर अन्य लोगों को गंगा सफाई के लिए प्रेरित किया। अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने कहा गंगा देश की जीवन रेखा है। प्रतिवर्ष करोड़ो लोग गंगा दर्शन व स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। ऐसे में हरिद्वार के सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि गंगा में पाॅलीथीन, पुराने कपड़े व कचरा आदि ना डालें। कहा कि अगले वर्ष संत महापुरूषों के सानिध्य में गंगा तट पर भव्य रूप से कुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए मेला प्रशासन व्यापक स्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ है। गंगा घाटों का सौन्दर्यकरण, फ्लाईओवर, पुलों, सड़कों का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है। आरएसएस के जिला प्रचारक अमित व बजरंग दल के जिला संयोजक नवीन तेश्वर ने कहा कि गंगा की अविरलता, निर्मलता व स्वच्छता को लेकर आम जनमानस को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। गंगा बंदी के दौरान घाटों को स्वच्छ सुन्दर बनाए रखने के लिए शंकराचार्य चैक स्थित गंगा घाट पर सफाई अभियान चलाते हुए कूड़ा कचरा साफ किया गया। सफाई अभियान में जवेंद्र तोमर, अजय जोशी, बबलेश चैहान, कार्तिक दिवाकर, अमित मुलतानिया, जोनी कश्यप, निखिल, सुमित शर्मा, अंकुश पाल, अमन सैनी, सागर, कपिल पाल सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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