हरिद्वार। मां गंगा का पवित्र कलश पशुपति नाथ मन्दिर नेपाल के लिए रवाना होने हेतु हरिद्वार में कल (आज) पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के चरण पादुका स्थल पर सायं 4 बजे तक पहुंचेगा । यह जानकारी मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी ने देते हुए बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की प्रतिमा व छड़ी मुखीमठ में स्थापित होने के बाद पवित्र गंगा का कलश नेपाल स्थित पशुपति नाथ मन्दिर नेपाल में अभिषेक हेतु ले जाया जाता है। पहले चरण में पवित्र गंगा कलश लेकर रावल शिवप्रकाश महाराज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के चरण पादुका मंदिर पहुंचेंगे। इसके बाद पवित्र कलश मुरादाबाद में 25 नवम्बर को अनिता गुप्ता व वाईपी गुप्ता के आवास पर रूकेगा। 26 नवम्बर को बरेली होते हुए लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगा तथा 27 नवम्बर को लखनऊ से गोरक्षनाथ मठ गोरखपुर के लिए प्रस्थान करेगा। 28 नवंबर को भैरवा होते हुए नेपाल की सीमा में प्रवेश कर 30 नवम्बर को पशुपतिनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया जायेगा। गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज ने कहा कि मां गंगा की इस पवित्र यात्रा का समापन नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में अभिषेक के साथ होगा। हरिद्वार नागरिक मंच के अध्यक्ष डा.सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि यह हरिद्वार का सौभाग्य है कि पवित्र गंगा कलश के दर्शन करने का सभी हरिद्वार वासियों को अवसर मिल रहा है। मां गंगा जीवनदायिनी तथा भारत की जीवनरेखा हैं। मां गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प सभी को लेना होगा। तभी मां गंगा के दर्शन और उनकी पूजा करने की सार्थकता होगी। डा.बत्रा ने बताया कि पवित्र कलश का गंगा जल वर्ष भर भगवान पशुपतिनाथ के अभिषेक में प्रयुक्त किया जायेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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