हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में फक्कड़ साधु अपनी जीने की इच्छा से तंग आकर फांसी लगाने ही वाला था। इस साधु ने पेड़ पर रस्सी बांधकर अपने गले में डाल रखी थी। साधु की इस बेबसी को देखते हुए स्थानीय लोगों द्वारा हरिद्वार कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह को फोन कर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फक्कड़ साधु द्वारा लगाया गया रस्सी के फंदे को हटाकर उससे परेशानी पूछी तो फक्कड़ साधु ने कहा कि मैं किसी निजी अस्पताल में भर्ती था एक वर्ष पूर्व हरिद्वार घूमने के लिए आया था लेकिन बीमार पड़ जाने के कारण मेरा स्वास्थ्य लगातार खराब होता रहा। अस्पताल में इलाज चलता रहा। काफी समय बीत जाने के बाद अस्पताल वालों ने मुझसे पीछा छुड़ाने के लिए मुझे बिरला घाट के पास छोड़ गये फक्कड़ साधु ने कहा कि मैं अपने जीवन से परेशान आ चुका हूं। हाथों व पैरों में ताकत नहीं है। जिन कारणों से जीने की इच्छा समाप्त होती जा रही है। लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा तुरन्त 108 एम्बुलेंस को फोन कर फक्कड़ साधु को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया। हरिद्वार कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने 2 पुलिसकर्मियों को भेजकर फक्कड़ साधु को नया जीवन प्रदान किया है। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस कार्यशैली की प्रशंसा की। हरिद्वार पुलिस मसीहा बनकर सामने आई और फक्कड़ साधु को अस्पताल में भर्ती कर उपचार के लिए भेजा गया। बता दें कि मित्र पुलिस का यह पहला मामला नहीं है। मित्र पुलिस मानवता की मिसाल पेश करती चली आ रही है। पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह के लोगों की मदद करने के कई मामले धर्मनगरी में देखने को मिलते हैं। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह व उनकी पुलिस टीम का क्षेत्र के लोगों ने तह दिल से आभार जताया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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