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यूपी के जनपदों को उत्तराखण्ड में मिलाए जाने का विरोध

 हरिद्वार। देवभूमि सिविल सोसायटी ने राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर उत्तराखण्ड के पुर्नगठन का विरोध करते हुए प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की है। सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित करने के बाद देवपुरा चैक स्थित गोविन्द वल्लभ पंत पार्क में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सोसायटी के संयोजक जेपी बड़ोनी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कई राज्यों के पुर्नगठन का मसौदा तैयार किया गया है। जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मण्डल के कई जिलों को हिमालय राज्य उत्तराखंड में सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव भी शामिल है। उत्तर प्रदेश के जनपदों को उत्तराखण्ड में मिलाए जाना पहाड़ी राज्य की मूल अवधारणा के विपरीत होगा। राज्य की जनता व पृथक राज्य के लिए संघर्ष करने तथा बलिदान देने वाले राज्य आंदोलनकारी इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे। दिनेश जोशी व तरूण व्यास ने कहा कि नए क्षेत्रों को उत्तराखण्ड में मिलाए जाने से उत्तराखण्ड की जनता की आशाओं, आकांक्षाओं, सांस्कृतिक विरासत, परम्पराओं, धार्मिक रीति रिवाजों के भी विपरीत होगी। जिससे राज्य का शांत वातावरण अशांत होगा तथा जनता को पुनः आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इसलिए प्रस्ताव को खारिज कर उत्तराखण्ड के विकास पर ध्यान दिया जाए। इस दौरान सतीश जोशी, डीएन जुयाल, तेज सिंह रावत, मानव शर्मा हरपाल सिंह, अश्विनी सैनी, नरेश कुमार, पंडित अधीर कौशिक, अनुभव शर्मा, नवीन शर्मा, सोनू गोसांई, जीतू गिरी, सचिन, हैप्पी आदि मौजूद रहे। 



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