हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने परी अखाड़े की साध्वी त्रिकाल भवंता को फर्जी संत बताते हुए कहा है कि मेला प्रशासन ऐसे फर्जी संतों से सर्तक रहे। जो अपने आपको संत बताकर मेला प्रशासन से भूमि अथवा धन की मांग करते हैं। अखाड़ा परिषद महिला साध्वियों व संतों का सम्मान करते हैं। कुंभ मेले के दौरान अखाड़ो व आश्रमों से जुड़ी महिला संतों को बाकायदा रथ पर विराजमान कर शाही स्नान के लिए लेकर जाते हैं। लेकिन ऐसी फर्जी साध्वियां प्रत्येक कुंभ मेले में मेला प्रशासन व शासन को गुमराह कर मेले के आयोजन में विघ्न डालने का प्रयास करते हैं। जिनके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। त्रिकाल भवंता को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कई वर्ष पूर्व फर्जी संत घोषित कर दिया था। त्रिकाल भवंता ना ही किसी संत परंपरां से हैं। ना ही इनका कोई गुरू है। ना ही इनका किसी अखाड़े से संबंध हैं। त्रिकाल भवंता को प्रयागराज, उज्जैन व नासिक में ना ही मेले के दौरान कोई जमीन आवंटित की और ना ही कोई सुविधा उपलब्ध करायी। हरिद्वार कुंभ मेले में भी वे स्वयं को परी अखाड़े की म.म.बताकर मेला प्रशासन को भ्रमित कर रही हैं। हमारी सनातन परंपरा में चार शंकराचार्य पीठ और चार ही शंकराचार्य हैं। किसी भी पीठ पर कोई महिला शंकराचार्य नहीं है। उन्होंने मेला प्रशासन व शासन को सर्तक करते हुए कहा कि त्रिकाल भवंता ना तो शंकराचार्य हैं, न ही साध्वी हैं। उनके किसी बहकावे में नहीं आए। वहीं दूसरी और अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी से निरंजनी अखाड़े में भेंट के दौरान बताया कि कुंभ मेले को भव्य व दिव्य रूप से संपन्न कराने के लिए पूरे शहर को रंगबिरंगी लाईटों से सजाया जाएगा। सभी धार्मिक भवनों, अखाड़ों, आश्रमों, मठ, मंदिरों व चैराहों पर धार्मिक कलाकृतियां अंकित की जाएगी। कुंभ के दौरान देश विदेश से हरिद्वार आने वाले संतों व श्रद्धालुओं को हरिद्वार की एक अद्भूत छटा देखने को मिलेगी। अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि अखाड़ों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। जमीन आवंटन के साथ अखाड़ों को बाकायदा प्रपत्र दिए जाएंगे। इस दौरान श्रीमहंत रामरतन गिरी, दिगंबर महंत अंबिका पुरी, महंत दिनेश गिरी, महंत केशवानंद, महंत लखन गिरी, महंत मनीष भारती, दिगंबर बलवीर पुरी, स्वामी रघुवन आदि भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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