हरिद्वार। नगर पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय ने कहा कि आज के समय में छात्राओं को अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक होने के साथ सबसे पहले आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। जो स्वयं जागरूक होता है उसी की मदद के लिए लोग आते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्रा सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने कहा कि आज छात्राएं जीवन के हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं प्रत्येक छात्रा को स्वयं की रक्षा के लिए आत्मनिर्भर होना जरूरी हो गया है परंतु यदि कहीं कोई समस्या आती है तो उन्हें बिना संकोच के पुलिस से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने छात्राओं के उन्नयन के लिए विद्यार्थी परिषद के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। विभाग प्रमुख डॉ हिमांशु पंडित ने कहा कि परिषद अपनी स्थापना से ही छात्र और छात्राओं के हितों में कार्य कर रही है। जब प्रत्येक छात्रा स्वयं को हर प्रकार से सशक्त करेगी तभी समाज में उन्हें यथोचित मान सम्मान प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि अब सशक्त नारी ही हमारे देश की दशा और दिशा तय करेगी। डॉ सीमा जोशी ने कहा कि प्रत्येक छात्रा को अपनी प्रवृत्ति के अनुरूप ही भोजन-व्यायाम आदि करना चाहिए। इससे शरीर के साथ दिमाग भी चुस्त-दुरुस्त रहता है। विभाग सह संगठन मंत्री काजल थापा ने छात्राओं के लिए चलाए जा रहे सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कार्यक्रम मिशन साहसी सहित अन्य कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से चर्चित बालियान, कार्यक्रम संयोजिका निवेदिता, अमन कुशवाहा, ईशा बदलवाल, सीमा, राहुल चैधरी, माही, साक्षी, रेनू, आरुषि, आकांक्षा, अंजलि, सोनिया, सपना, निहारिका, निशा, शिप्रा, कोमल, श्रुति, पवनेश, अंजली, दिव्या, ऋषभ, रिया रिया ,दिव्या आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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