हरिद्वार। उत्तर प्रदेश के थाना बहजोई जिला सम्भल में 22 अक्टूबर 2020 को जमीनी विवाद में हुई हत्या में हरिद्वार के प्रसिद्ध व्यापारी निवासी शिव रत्न केन्द्र गऊ घाट सुभाष शर्मा को नामजद किये जाने पर सुभाष शर्मा लगातार मानसिक परेशानियों से जूझ रहे है। सुभाष शर्मा का कहना है उत्तर प्रदेश पुलिस उन्हें यूपी में हुई हत्या में झूठा फंसा रहे है। उत्तर प्रदेश पुलिस आरोपियों के साथ षड़यंत्र कर मेरे भाई उमेश शर्मा व भतीजा अन्नू शर्मा को हत्या के आरोप में घर पर सो रहे दोनों को गिरफ्तार कर अब मुझे हत्या में गिरफ्तार करने की भरपूर कोशिशें कर रही है। सुभाष शर्मा ने बताया कि जिस दिन उस युवक की हत्या हुई वह प्राचीन काली मंदिर भीमगोडा में रोज की भांति पूजा अर्चना में हिस्सा ले रहे थे। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस को अवगत कराने के पष्चात भी उत्तर प्रदेश पुलिस मेरी व मेरे परिवार की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मोबाईल लोकेशन की जांच करे तो दूध का दूध व पानी का पानी हो सकता है लेकिन हत्याकाण्ड को अंजाम देने वाले लोग उत्तर प्रदेश में अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। जिसके चलते पुलिस दबाव में आकर हत्या के झूठे मुकदमें में मेरे भाई व भतीजों को गिरफ्तार करने के पश्चात मुझे भी इस हत्या में फंसाने की पूरी कोशिशें कर रही है। सुभाष शर्मा ने मुख्यमंत्री, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी हरिद्वार से उत्तर प्रदेश में हुई हत्या की निष्पक्ष जांच व हत्या का षड़यंत्र रचने वाले लोगों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग के साथ सहयोग की अपील की। उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री व पुलिस के आला अधिकारियों से सहयोग व उत्तर प्रदेश में हुई हत्या की निष्पक्ष जांच व न्याय दिलाने की मांग की।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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