हरिद्वार। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के संरक्षक पूर्व राज्यमंत्री धीरेंद्र प्रताप ने मेला अधिकारी दीपक रावत व मेयर अनिता शर्मा से मुलाकात कर एक घाट व एक सड़क या चैराहे का नामकरण समिति के अध्यक्ष व प्रमुख राज्य आंदोलनकारी स्व.जेपी पाण्डे के नाम पर करने की मांग की है। राज्य अतिथी गृह डाम कोठी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि हरिद्वार जनपद को उत्तराखण्ड में सम्मिलित कराने में समिति के अध्यक्ष स्व.जेपी पाण्डे का अहम योगदान रहा है। उनके योगदान को देखते हुए एक गंगा घाट व किसी सड़क या चैराहे का नामकरण उनके नाम पर किया जाना चािहए। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि 10 नवंबर को स्व.जेपी पाण्डे की प्रथम पुण्य तिथी पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में राज्य निर्माण आंदोलन में योगदान करने वाले प्रदेश भर के सभी राज्य आंदोलनकारी हरिद्वार पहुंचकर स्व.पाण्डे को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इस दौरान चिन्हीकरण सहित राज्य आंदोलनकारियों की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श कर संगठन को गतिशील बनाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। धीरेंद्र प्रताप ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य आंदोलन में सहयोग करने वाले सभी आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण किया जाए तथा आंदोलन को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने के साथ आंदोलनकारियों के सम्मान में एक संग्रहालय की स्थापना की जाए। ताकि भावी पीढ़ी भी आंदोलन को जान सके। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के मामले में उत्तराखण्ड देश में शीर्ष पर है। प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। रोजगार को मुद्दा बनाते हुए जल्द ही आंदोलन की शुरूआत की जाएगी। इस दौरान विजय भण्डारी, कालूराम जैपुरिया, भगवान जोशी, रविन्द्र भट्ट, सुरेंद्र सैनी, मधु नोटियाल, जितेंद्र गौड़, मीरा रतूड़ी, सावित्री नेगी, मधु नौटियाल, मुन्नालाल आदि सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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