समारोह में मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों ने जिला प्रशासन हरिद्वार की ओर से राज्य आन्दोलनकारियों-श्रीमती राधा बिष्ट, श्रीमती शान्ति मनोड़ी, श्रीमती कमला पाण्डे, श्रीमती कान्ति रावत, श्रीमती बसन्ती पटवाल, श्रीमती शशि जोशी, श्रीमती कान्ति बुड़ाकोटी, श्रीमती विमला जखमोला, श्रीमती साधना, श्रीमती देवश्री गैरोला, श्रीमती अनु उप्रेती, डाॅ0 विजयेन्द्र चैहान, श्रीमती कमला नेगी, श्रीमती विमला बलूनी, मालती शर्मा, श्रीमती सरोज ममगांई, श्रीमती मधु नौटियाल, श्रीमती मीरा रतूड़ी, श्रीमती सुखदी राणा, चै0 अफजल, श्री भीमसेन रावत, श्री सुरेन्द्र सैनी, श्री विजय भण्डारी, श्रीमती शैला कन्तूरा, श्रीमती अंजली ममगांई, श्रीमती वीना नौटियाल आदि को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। बाद में सांसद ने ऋषिकुल मैदान में आयोजित आत्म निर्भर भारत- स्वदेशी स्वरोजगार दीपावली महोत्सव का भी भ्रमण किया, जिसमें उन्होंने बैंकों द्वारा 23 वेंडरर्स का लोन स्वीकृत होने के पश्चात तीन स्ट्रीट वेंडर्स-सुश्री समुन गुप्ता सतीश एवं मुनेश को प्रतीकात्मक स्वरूप कार्ड वितरित किये। उन्होंने तत्पश्चात पूरे मेला परिसर का भ्रमण किया तथा प्रत्येक स्टाॅल में जाकर स्टाॅल में रखे हुये उत्पादों का जायजा लिया, खरीदारी की तथा स्टाॅल लगाने वालों का उत्साहवर्द्धन किया। इस अवसर पर विधायक आदेश चैहान, सांसद प्रतिनिधि मेयर श्रीमती अनिता शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस, मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर, अपर जिलाधिकारी भगवत किशोर, उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी, मुख्य शिक्षाधिकारी आनन्द भारद्वार, समाज कल्याण अधिकारी नरेन्द्र यादव सहित बड़ी संख्या में अधिकारीगण, जन-प्रतिनिधि, गणमान्य व्यक्ति, राज्य आन्दोलनकारी आदि उपस्थित थे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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