हरिद्वार। जनपद में कोरोना वायरस के संक्रमित नये मरीजों के मिलने का सिलसिला तेज होने लगा है। गुरूवार को जनपद में कोरोना वायरस के 58 नये संक्रमित मरीजों की पहचान की गयी। इसके साथ ही जनपद में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 11728 हो गई है। हलांकि एक्टिव केस की संख्या 253 है। जबकि 188 व्यक्ति होम आईसोलेशन में पांबदं है। गुरूवार को 2411 व्यक्तियांे के सैंम्पल कोविड जांच के लिए भेजे गये। दूसरी ओर 25 व्यक्तियों के सैंपल की जांच रिर्पोट का इंतजार है। जबकि जनपद में एक्टिव कंटेंनमेंट जोनों की संख्या 01 हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार गुरूवार को 05 कोरोना के मरीज के स्वस्थ होने पर उन्हे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। हलांकि अब 25 लोगों के सैंपल की जांच रिर्पोट का इंतजार है। जनपद के विभिन्न कोविड केयर सेंटर में 65 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं, जिनका उपचार जारी है। गुुरूवार को 05 लोगों कोरोना से जंग जीतने पर अस्पताल से घर भेज दिए गए। जिले के विभिन्न कोविड केयर सेंटर में 65 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं जिनका उपचार जारी है। गुरूवार को 2411 लोगों के सैंपल कोविड जांच के लिए भेजे गये। जबकि 25 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। अबतक जनपद से 255988 लोगों की रिपोर्ट जांच के लिए भेजी जा चुकी है।जिनमें से 255939 लोगों की जांच रिर्पोट आ चुकी है। जबकि 25 की रिर्पोट का इंतजार है। गुरूवार को हरिद्वार शहरी क्षेत्र से 10,रूड़की क्षेत्र से 22,बहादराबाद से 14,नारसन से 02,लक्सर से 03 के अलावा 7 अन्य राज्यों के संक्रमित मरीजों की पहचान शामिल है। गुरूवार को नारसन में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी भी पाॅजिटिव पाये जाने वालों में शामिल है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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