हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बुधवार को चीला से ऋषिकेश तक चल रहे कुंभ मेला कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को दिसंबर माह के अंत तक शेष बचे कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। मेलाधिकारी ने कहा कि चीला एंट्रेंस से ऋषिकेश तक सड़क का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बीच में पड़ने वाली बीन नदी पर कुछ रपटों का सीसी बेस कार्य और कुछ स्थानों पर सड़कों के किनारे बनने से रह गए हैं, जिसे पूरा करने के लिए उत्तराखंड सिंचाई विभाग को कहा गया है। यह शेष कार्य तीन सप्ताह में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा स्वर्गाश्रम ऋषिकेश में घाटों का निरीक्षण किया। यहां पर घाट तो तैयार कर दिए गए हैं लेकिन सुरक्षा से संबंधित टाइल्स और चेन लगाने का काम बाकी है। जिसके लिए सिंचाई विभाग को तत्काल बजट बनाकर देने को कहा गया है ताकि यह कार्य भी पूरा किया जा सके। ऋषिकेश मुनिकीरेती में स्थित आस्था पथ पर चल रहे कार्यों का भी मेलाधिकारी ने निरीक्षण किया। इस आस्था पथ को जोड़ने का कार्य पूरा कर लिया गया है। पहले बीच में रास्ता टूटा होने के कारण आस्था पथ आपस में जुड़ा हुआ नहीं था। इसके साथ मेलाधिकारी ने कोतवाली ऋषिकेश का भी निरीक्षण किया। दूसरी ओर अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने कुंभ मेले के तहत अखाड़ों में चल रहे कार्यों का जायजा लिया। साथ ही संतों से उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली धनराशि को लेकर भी संतों ने अपर मेलाधिकारी से बातचीत की। बुधवार को एचआरडीए के सचिव और अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन पहुंचे। उन्होंने अखाड़े के महंत भगतराम महाराज के साथ यहां चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। कार्यों की व्यवस्था को परखा। अपर मेलाधिकारी ने बताया कि अखाड़े के संतों के साथ बातचीत की गई। संतों की ओर से कुछ बातें रखी गई, जिनका समाधान कराने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि अखाड़ों में चल रहे कार्यों की गति को देखने के साथ गुणवत्ता को लेकर निरीक्षण किया गया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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