पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए एक आरोपी को दबोचा,दूसरे की तलाश
हरिद्वार। थाना सिडकुल पुलिस ने पांच लाख रुपये के लालच में सिडकुल की एक कंपनी के सुपरवाइजर को दो दोस्तों ने मिलकर मंगलौर के पास पुल से गंगनहर में धक्का देने के मामले में दो दोस्तों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दूसरे फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। जल पुलिस की मदद से सुपरवाइजर के शव की लिब्बरहेडी मंगलौर गंगनहर में तलाश की जा रही है। सिडकुल पुलिस के अनुसार बीती नौ दिसंबर को रावली महदूद सिडकुल निवासी समीना ने अपने पति शकील अहमद 28 की गुमशुदगी सिडकुल थाना में दर्ज कराई थी। पुलिस ने गुमशुदगी की जांच शुरू। फोन कॉल डिटेल निकाली तो सलेमपुर रानीपुर निवासी उसके दोस्त आसिफ पुत्र वकील की संलिप्तता सामने आई। पुलिस ने दोस्त को पूछताछ के लिए उठाया। पहले तो आसिफ पुलिस को इधर-उधर की बातों में उलझाता रहा। लेकिन पुलिस ने सख्ताई से पूछताछ की तो उसने शकील ने पूरी कहानी पुलिस के आगे बयां कर दी। आसिफ ने पुलिस को बताया कि अपने एक दोस्त सुहेल पुत्र अब्दुल उर्फ चीफ निवासी लंढौरा के साथ मिलकर उसने शकील को सात दिसंबर को मंगलौर के पास एक पुल से गंगनहर में धक्का दे दिया था। वजह पूछने पर आरोपी ने बताया कि उसको रुपयों की सख्त जरूरत थी। इसलिए उसने अपने दोस्त शकील अहमद से पांच लाख रुपये उधार मांगे थे। शकील ने तीन दिसंबर को पांच लाख रुपये का चेक दे दिया था। लेकिन अगले ही दिन शकील उस चैक को वापस मांगने लगा था। आसिफ का चेक वापस करने का मन नहीं था। इसके लिए उसने शकील को चेक वापस लौटने की बजाय टालमटोल शुरू कर दी। परेशान होकर छह दिसंबर को आसिफ ने लंढौरा निवासी अपने एक दोस्त सुहेल के साथ मिलकर शकील की हत्या का प्लान तैयार किया और सात दिसंबर की दोपहर दोनों दोस्त शकील को अपने साथ बाइक पर घूमाने के बहाने मंगलौर ले गए। जहां तीनों ने मंगलौर में एक पुल के पास पार्टी की और शराब पीने के बाद नशा होने पर शकील को गंगनहर में धक्का दे दिया। बाद में दोनों अपने-अपने घर लौट आए। सिडकुल थाना प्रभारी एलएस बुटोला ने बताया कि आसिफ पुत्र वकील अहमद निवासी सलेमपुर दादुपुर कोतवाली रानीपुर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। शकील सिडकुल की कंपनी में काम कर रहा था। फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। पुलिस के अनुसार आरोपी ने चेक लेने के बाद उसे कैश नहीं कराया था। आरोपी आसिफ को पहले ही संदेह था कि चेक को कैश कराने के बाद पुलिस उस पर ही शक करेगी। यही कारण रहा कि आठ दिसंबर को चेक को कैश कराना था, लेकिन आरोपी ने बैंक में चेक को नहीं लगाया था।
Comments
Post a Comment