हरिद्वार। नगर निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले निगम के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर धरना दिया। मांगें पूरी न होने पर कर्मचारियों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। मंगलवार को आठ सूत्रीय ज्ञापन देने के बाद भी सात दिन में भी वार्ता न होने से नाराज कर्मचारियों ने निगम कार्यालय पर धरना दिया। धरना स्थल पर पहुंचकर पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार व श्रमिक नेता सुरेंद्र तेश्वर ने कहा कि आज मजदूर अपनी ताकत को नहीं पहचान रहा है। इसलिए अधिकारी अपनी हठधर्मिता कर रहे हैं। अपने पुराने इतिहास को याद कर अपने अधिकार के लिए लड़ने को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा की सभी को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। मजदूर नेता मुरली मनोहर, राजेंद्र श्रमिक, सुनील राजौर, आत्माराम बेनीवाल, संदीप चिनालिया ने भी संबोधित किया। धरने पर नगर आयुक्त के प्रतिनिधि के रूप में सहायक नगर आयुक्त महेंद्र यादव ने कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि नगर आयुक्त की मेला कार्यों में व्यस्तता रहने के कारण यूनियन प्रतिनिधियों की समय पर वार्ता के लिए बैठक नहीं बुलाई जा सकी। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए 31 दिसंबर को मोर्चे की बैठक बुलाने का पत्र जारी कर दिया है। वार्ता का पत्र मिलने पर सर्वसम्मति से धरना स्थगित कर दिया गया। धरने का संचालन जितेंद्र तेश्वर ने किया। धरना देने वालों में सलेकचंद, प्रवीन तेश्वर, राजू खैरवाल, राजेश खन्ना, बंटी, लक्ष्मीचंद, अशोक कुमार छाछर, राकेश, मोती राम, किशोर, सुनील बेदी, प्रमोद अनुराग, आंनद, बलराम चुटेला, प्रमोद, घनश्याम पेवल, काजल, कुसुम, प्रकाशी, सुमन, बबली, प्रियंका, ममता, जुगनू कांगड़ा, लोकेश, संजय चुटेला, राजेश, सतीश कुमार, नवीन, संजीव बाबा, कन्हैया, काका, गुलशेर, आदेश यादव शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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