Skip to main content

पाकिस्तान की यात्रा पर पहुचे हिन्दू तीर्थयात्रियों का दल सिन्धु नदी का जल लेकर पहुचेगा

 

हरिद्वार। शदाणी दरबार की ओर से सात दिवसीय यात्रा पर पाकिस्तान के सिंध की यात्रा पर गया 44 हिंदू तीर्थ यात्रियों का जत्था सिंधु नदी का जल लेकर 22 दिसम्बर को शदाणी दरबार पहुंचेंगा। शदाणी दरबार की और से यह यात्रा पिछले 42 वर्षों से लगातार चल रही है। यात्रा पर गए जत्थे में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के हिंदू तीर्थयात्री शामिल है। यात्रा पर गए श्रद्धालु सिंध में प्राचीन सरस्वती तट पर स्थित वेद मंदिर, जहाँ शदाणी दरबार के प्रथम संत साईं शदाराम साहिब ने तप कर धुणिश्वेर महादेव की स्थापना की थी के साथ हयात पिताफी, माता मंदिर खानपुर, अरूर माता मंदिर सखर, शदाणी सत्संग मंदिर घोटकी, शदाणी सत्संग हाल मीरपुर, श्री कृष्णा मंदिर दहरकी के दर्शन करेंगे। शदाणी दरबार यात्रा प्रबन्धन कमेटी के सचिव सत्यव्रत शदाणी ने बताया कि 7 दिवसीय यात्रा में वहां पर अनेक धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन होता है। जिसमें सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार, एवं अनेक धार्मिक कार्यक्रम शामिल हैं। शदाणी दरबार के आठवें पीठाधीश्वर संत गोबिंदराम साहिब के समय से इंडो- पाक एग्रीमेंट के अंतर्गत 42 वर्षोँ से पाक की यात्रा पर हिन्दू तीर्थ यात्रियों का जत्था जाता है। पाक से भारत की यात्रा पर वहां से हिंदू तीर्थ यात्रियों का जत्था आता है।  22 दिसम्बर को शदाणी दरबार के नवें पीठाधीश्वर संत डा.युधिष्ठरलाल सिंध यात्रा से वापसी पर हरिद्वार पहुँचगे। सप्त सरोवर स्थित संत शदाणी घाट पर सिंधु ओर माता गंगा का मिलन होगा। 


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।