हरिद्वार। 120दिनों के राष्ट्रव्यापी दौरे की हरिद्वार से शुरूआत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिद्धपीठ श्रीदक्षिण काली मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना में भाग लिया और म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी से आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर पहुंचने पर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी के नेतृत्व में ब्रह्चारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण व पुष्पवर्षा कर नड्डा का स्वागत किया। नड्डा को माता की चुनरी व नारियल भेंटकर उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद प्रदान करते हुए म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि हरिद्वार से शुरू हुई उनकी देशव्यापी यात्रा भाजपा की सफलता में नए अध्याय जोड़ेगी। एक कुशल राजनेता के रूप में जेपी नड्डा भाजपा को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में सक्षम होंगे। जेपी नड्डा ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड पूरे देश में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करती है। संतों की तपस्थली धर्मनगरी में संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर वे स्वयं को अधिक ऊर्जावान महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले कुंभ मेले को भव्य रूप से संपन्न कराने के लिए केंद्र सरकार व पीएम मोदी मेले के दौरान संतों व श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए जुटे हुए हैं। मां गंगा के आचमन मात्र से ही श्रद्धालु भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुंभ मेला सकुशल संपन्न कराने में संत समाज निर्णायक भूमिका निभाएगा। सभी के सहयोग से कुंभ मेला निर्विघ्न संपन्न होगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कंुभ मेले को संपन्न कराने के लिए भरपूर कोशिशे कर रहे हैं। इस दौरान महंत बंशीदास, महंत सत्यव्रतानन्द, निरंजन स्वामी, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, विवेकानंद ब्रह्मचारी, अंकुश शुक्ला, सागर ओझा, शिवकुमार शर्मा, संजय जैन आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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