हरिद्वार। मानवाधिकार संरक्षण समिति मुख्यालय हरिद्वार की विशेष बैठक शनिवार को समिति के कार्यालय शारदा नगर में हुई, जिसमें 10 दिसंबर को होने वाले विश्व मानवाधिकार दिवस के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। समारोह गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संस्कृत सभागार में होगा। समारोह का कार्यक्रम प्रो.रूप किशोर शास्त्री कुलपति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सानिध्य में संपन्न होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने बताया कि समारोह में हरिद्वार के पांच कुलपतियों डॉ. महावीर अग्रवाल, प्रो. रूप किशोर शास्त्री, चिन्मय पांडे, डॉ. सुनील जोशी, डॉ. त्रिपाठी तथा हरिद्वार क्षेत्र के शिक्षाविदों, समाजसेवियों, साहित्यकारों, आध्यात्मिक विद्वान मानव अधिकार संरक्षण समिति के प्रति समर्पित पदाधिकारी तथा अन्य को सम्मानित किया जाएगा। मानव अधिकारों से संबंधित एक पत्रिका का भी विमोचन किया जाएगा। समारोह में कई वीवीआईपी को आमंत्रित किया गया है तथा कई की सहमति प्राप्त हो गई है तथा आने की संभावना है। समारोह स्थल को सेनेटाइज करवाने के लिए एडवोकेट गोपाल शर्मा, ललित शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सबकी सहमति से विभिन्न कार्यों के संपन्न कराने के लिए संयोजक बनाए गए हैं। संचालन के लिए अंकुर गोयल, कमला जोशी, डॉ. सपना बंसल को जिम्मेदारी दी गई है। साज-सज्जा के लिए कमला जोशी को संयोजक और अन्नपूर्णा मधुबनी को सह संयोजक बनाया गया है। सुनीता जोशी, मीरा गुप्ता, रत्नेश गौतम, इंदु गुप्ता, जितेंद्र कुमार शर्मा, राजीव राय, एलपी पुरोहित, पीके शर्मा, डॉक्टर सुनील बत्रा, सुरेश चंद गुप्ता, डॉ. विशाल गर्ग, प्रवीन वैदिक, डॉ. पंकज कौशिक, हेमंत नेगी, डॉ. पंकज कौशिक, मनीष ब्रह्मचारी, मूलचंद मीणा, मनीष ब्रह्मचारी के अलावा अन्य लोगों को जिम्मेदारी दी गई है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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