हरिद्वार। कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट से जुड़े निर्मल भेख के संतों के आरोपों का श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने खण्डन करते हुए इसे अखाड़े व श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह की छवि को धूमिल करने का प्रयास करार दिया है। गुरूवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि आरोप लगा रहे संतों को अखाड़े से कोई संबंध नहीं है। पूर्व में भी इनके द्वारा अखाड़े पर कब्जा करने का प्रयास किया जा चुका है। जिसे प्रशासन व संत समाज के सहयोग से विफल कर दिया गया था। अखाड़े की छवि को धूमिल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नेतृत्व में कई कुंभ संपन्न हो चुके हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व सभी तेरह अखाड़े श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह को मान्यता देते हैं। अखाड़े में अगले वर्ष होने वाले कुंभ की तैयारियां की जा रही हैं। कशमीर सिंह भूरी वाले गुट से जुड़े तथाकथित संत तैयारियों में विघ्न उत्पन्न करने के लिए दुष्प्रचार कर अखाड़े के अध्यक्ष की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशाासन को इन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष व एक सम्मानित संत हैं। उन पर झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने के लिए अखाड़े की ओर से मानहानि का मुकद्मा दर्ज कराया जाएगा। जहां तक कुंभ निधि से अखाड़े में होने वाले सौन्दर्यकरण व निर्माण कार्य प्रशासन की देखरेख में शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अनर्गल आरोप लगा रहे लोग गृहस्थ जीवन से जुड़े हैं। जिन्हें भगवा वस्त पहनाकर षड़यंत्रण के तहत लाया गया है। इस दौरान महंत खेमसिंह, महंत बाबू सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत सुखमन सिंह आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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