हरिद्वार। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा की बैठक में हरिद्वार से दिल्ली तक ओबीसी समाज की रथ यात्रा एक जनवरी से शुरू करने की घोषणा की गई। रथ यात्रा पूरे देश में 2021 से होने वाली राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी समाज की गिनती करवाने का आग्रह करने के लिए होगी। यात्रा के संयोजक की जिम्मेदारी भी बैठक में दी गई। प्रदेशभर के प्रतिनिधियों ने पहुंचकर बैठक में हिस्सा लिया। रविवार को पुराना रानीपुर मोड़ स्थित जमुना पैलेस के समीप पाल मैंसन हॉल में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय सचिव विजय सिंह पाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। प्रदेश अध्यक्ष रामबच्चन राजभर ने कहा कि ओबीसी समाज की रथ यात्रा की शुरुआत एक जनवरी से होगी। यात्रा हरिद्वार से प्रारंभ की जाएगी। दिल्ली तक यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा के माध्यम से राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी समाज की गिनती करवाने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ओबीसी समाज के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में दिए जा रहे क्षेत्रों के आधार पर ओबीसी आरक्षण को जल्द समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को आय के आधार पर मिलने वाले सवर्ण आरक्षण के साथ-साथ ओबीसी आरक्षण के दोहरे लाभ की विसंगति को समाप्त करने का आह्वान किया। राष्ट्रीय सचिव विजय पाल सिंह ने बताया कि संवैधानिक आरक्षण संघर्ष मोर्चा की ओर से दिल्ली तक निकाली जाने वाली रथ यात्रा का संयोजक जयभगवान कश्यप, राकेश कुमार कश्यप, देवेंद्र कश्यप को बनाया गया। संयोजकों ने जनजागरण करने का आह्वान किया। बैठक का संचालन नरेंद्र कुमार ने किया। इस दौरान मनोज बर्छीवाल, नरेश सैनी, वेद प्रकाश पाल, स्वेता श्रीवास्तव, विजेंद्र पाल, अमीर सत्यार्थी, अनीता राणा, राजवीर गौतम, रामलाल प्रजापति, केपी सिंह, संदीप सिंघानिया, गुमान लाल बैर्बान, महावीर सिंह, बुद्ध सिंह कश्यप आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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