हरिद्वार। विजय दिवस के मौके पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग द्वारा शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल रंजीत सिंह पंवार सेना मेडल के पिता बहादुर सिंह पंवार को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर आमोद कुमार चैधरी ने की। कोविड-19 के चलते सुरक्षा कारणों से केवल एक-एक व्यक्तियों,प्रतिनिधियों को ही आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर हरिद्वार जिले के 14 वीर शहीद रण बांकुरों को उनके विशेष बलिदान के लिए याद किया गया। 1971 के भारत-पाक युद्ध के शहीदों एवं वीर नारियों को नमन् करते हुए आज सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास के सभागार में विजय दिवस मनाया गया, जिसमें एनसीसी कैडेट्स द्वारा समूह गान और कॉलेज के छात्राओं ने गढ़वाली लोक नृत्य प्रस्तुत किया। सत्य घटनाओं पर आधारित शौर्य गाथा डॉक्यूमेंट्री में 1971 की युद्ध की मुख्य झांकियां भी दिखाई गई। कमांडर आमोद चैधरी ने शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल रंजीत सिंह पंवार सेना मेडल के पिता बहादुर सिंह पंवार को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। पिता की आंखें डब् डबा गई जब उनके पुत्र के शौर्य की गाथा मंच से कही गई। सूबेदार नारायण सिंह, सेना मेडल तथा श्रीमती सीता देवी पत्नी द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सिपाही नगीना जो कि 93 वर्ष की हैं उन्हें चिन्मय शैक्षिक समिति के चेयरमैन कर्नल राकेश सचदेवा ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। एनसीसी कैडेट दीपिका कंडारी ने मधुर आवाज में ए मेरे वतन के लोगों गीत गाकर सबको भावविभोर कर दिया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कमांडर आमोद चैधरी ने कहा कि 13 दिन चलने वाले दुनिया के सबसे छोटे युद्ध जो भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुआ, एक निर्णायक युद्ध था, जिसने यह साबित कर दिया था कि हम एक देश के रूप में अपनी सैन्य क्षमता के बल पर दुनिया को हरा सकते हैं। 1971 के युद्ध ने साबित किया कि अब हम राष्ट्र निर्माण में भी अग्रणी है। कैडेट्स के प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बहुत से लोग इस बात पर सवाल खड़ा करते हैं कि क्यों राष्ट्र का 23 प्रतिशत बजट सुरक्षा में लगाया जाता है, जवाब में कमांडर आमोद चैधरी ने कहा कि जब-जब देश को जरूरत पड़ती है, कुशल शासन की या मेडिकल इमरजेंसी या फिर मुंबई के एलफिन स्टोन ब्रिज के निर्माण की, जिसमें कम समय में ज्यादा कठिन कार्य करना होता है, तो भारतीय सेना का ही आह्वान किया जाता है। शहीद के सम्मान में जिला सैनिक कल्याण सभागार का नाम लेफ्टिनेंट कर्नल रंजीत सिंह पंवार सभागार रखा गया जिसके पुनर्निर्माण में शहीद के पिता ने भी कुछ आर्थिक सहयोग दिया। कार्यक्रम का संचालन सार्जेन्ट देवेश वशिष्ठ ने किया। इस अवसर पर ले0 कर्नल विनोद शर्मा (से0 नि0), एसएम जैन पीजी कॉलेज के प्राचार्य सुनील बत्रा तथा समाजसेवी विशाल गर्ग आदि मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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