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उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार के लिए दो शिल्पकार चयनित

 हरिद्वार । जिलाधिकारी सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार योजना के अन्तर्गत शिल्पियों के चयन हेतु एक बैठक आयोजित हुई। कैम्प कार्यालय में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी को शिल्पी ओमपाल सिंह, ग्राम-गदरजुड्डा, मंगलौर, रूड़की,  ने बताया कि उन्हें काष्ठ कला शिल्प में कार्य करते हुये 30 वर्ष हो गये हैं। उन्होंने शीशम की लकड़ी, सागौन एवं चाप की लकड़ी में अनेक डिजाइनों वाले खिलौने, मूर्ति, मन्दिर आदि तैयार किये हैं। आज उन्होंने जिलाधिकारी को मन्दिर, शेर, हाथी आदि की प्रतिकृति दिखाई। एक अन्य शिल्पी चन्द्र किरण, ईमलीखेड़ा, भगवानपुर ने बताया कि वे माटी कला शिल्प में कई वर्षो से जुड़े हैं। उन्होंने फ्लावर पाॅट, मन्दिर, कलश आदि अनेक प्रतिकृतियां बनाई हैं तथा वे नई पीढ़ी को भी इस कला से जोड़ने के लिये प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।इन्होंने जिलाधिकारी को मन्दिर, फूलदान, स्टूल, कलश आदि की प्रतिकृति प्रदर्शित कर दिखाई। जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने इन शिल्पियों द्वारा बनाये गये एक से एक डिजाइन वाली प्रतिकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा अपने परम्परा से चले आ रहे व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया। जिलाधिकारी ने उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार योजना के अन्तर्गत, राज्य स्तर के लिये, इन दोनों शिल्पियों के चयन की स्वीकृति प्रदान करते हुये इन शिल्पियों को बधाई दी।  इस अवसर पर सुश्री पल्लवी गुप्ता, जी0एम0, जिला उद्योग केन्द्र, प्रेम सिंह कैठत सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।