हरिद्वार। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि निजीकरण का नतीजा है कि विवाद के बाद केआरएल कंपनी ने कूड़ा उठाने का काम बंद कर दिया है। जिससे नगर में सफाई व्यवस्था चैपट हो गयी है। कोविड काल में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। दुर्गंध से नागरिक परेशान है। परंतु प्रशासन कुंभ काल में भी उदासीन बना हुआ है। मुख्य नगर अधिकारी ने भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। अम्बरीष कुमार ने कहा कि चर्चा यह है कि नगर निगम और केआरएल कंपनी के बीच हुए अनुबंध में किसी विवाद की स्थिति में पंचाट द्वारा विवाद सुलझाए जाने की व्यवस्था और यह निश्चित है कि ऐसा होने पर पंचाट का फैसला नगर निगम के विरुद्ध ही आएगा। क्योंकि निजी क्षेत्र की कंपनियां ऐसे तरीके अपनाती हैं जो नगर निगम नहीं अपना सकता। इसका स्पष्ट उदाहरण उषा ब्रेको कंपनी के हक में आया पंचाट का फैसला है। इसीलिए निजीकरण का विरोध होता है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार के 2010 में कराए गए इस अनुबंध का नतीजा शहर भुगत रहा है। इस निर्णय से एक और सफाई कर्मचारियों का शोषण हुआ है और दूसरी तरफ नागरिकों को भी सफाई के लिए पैसा देना पड़ता है। उन्होंने बीजेपी सरकार की निजीकरण की नीति की निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन नींद से जागे और समस्या का समाधान करें।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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